लाइव न्यूज़ :

WHO ने दुनिया को चेताया, कहा-कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के सामने प्रभावशीलता खो रही है कोरोना वैक्सीन

By अभिषेक पारीक | Updated: June 22, 2021 22:19 IST

दुनिया कोविड-19 महामारी से परेशान है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ज्यादा खतरनाक हैं।

Open in App
ठळक मुद्देडेल्टा वेरिएंट को लेकर के डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इसके सामने वैक्सीन प्रभाव खो रही है। डेल्टा वेरिएंट सबसे पहले भारत में सामने आया और अब डेल्टा प्लस के मामले सामने आए हैं। डेल्टा वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक है, जिसे डब्ल्यूएचओ ने वेरिएंट ऑफ कंसर्न बताया है। 

दुनिया कोविड-19 महामारी से परेशान है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ज्यादा खतरनाक हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि नए वेरिएंट के सामने वैक्सीन की प्रभावशीलता कम हो रही है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आधिकारिक रूप से कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन उल्लेखनीय रूप से कोरोना वायरस के डेल्टा वायरस के सामने कम प्रभावी साबित हो रही है। 

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ की मारिया वैन करखोव ने कहा है कि भले ही वर्तमान कोरोना वैक्सीन गंभीर रूप से बीमार होने के खतरे के प्रति जबरदस्त सुरक्षा देने और मौतों को कम करने में उल्लेखनीय रूप से सक्षम हैं, लेकिन यह चिंताजनक है कि कोरोना वायरस के बदलते स्वरूपों के प्रति वैक्सीन पूरी तरह से अप्रभावी साबित हो सकती है। साथ ही उन्होंने म्यूटेशन से उत्पन्न खतरों के प्रति चेताया है। 

हाल ही में डेल्टा वेरिएंट  (B.1.717.2) में म्यूटेशन के बाद डेल्टा प्लस वेरिएंट सामने आया था। भारत में जहां डेल्टा वेरिएंट पहली बार सामने आया था, वहीं अब डेल्टा प्लस के कुछ मामले सामने आए हैं। जिसने चिंता बढ़ा दी है।

इसलिए चिंताजनक है यह वेरिएंट

डेल्टा वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक है और इसे डब्ल्यूएचओ ने  'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' के रूप में सूचीबद्ध किया है। इसके चलते एक और लहर का खतरा पैदा हो रहा है। भारत हाल ही में संक्रमण के मामले कम करने में कामयाब हुआ है, लेकिन ब्रिटेन में एक बार फिर मामले 10 हजार तक पहुंच गए हैं। इस वायरस को जितना हम फैलने देंगे, इसमें उतने ही ज्यादा म्यूटेशन हो सकते हैं। 

वेरिएंट को फैलने से रोकना होगा

इस म्यूटेशन के सामने वैक्सीन टिकती है या नहीं, इसे देखते हुए इसके प्रसार की श्रृंखला को तोड़ना जरूरी हो जाता है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों के जरिये इसे तोड़ा जा सकता है। साथ ही दुनिया की ज्यादातर आबादी को वैक्सीन लगाई जाती है तो हर्ड इम्युनिटी तक पहुंचा जा सकता है। हालांकि बिना युद्ध स्तर पर काम किए यह संभव नहीं है। इसके लिए वैक्सीन की उपलब्धता भी सुनिश्चित करनी होगी। 

टॅग्स :कोरोना वायरसकोरोना वायरस इंडियाकोविड-19 इंडियावर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यरमेश ठाकुर का ब्लॉग: आधुनिक जीवनशैली से भी बढ़ रहे हैं नेत्र रोग

स्वास्थ्यतो हर साल बच सकती हैं 1.5 करोड़ जानें?, क्या आप सभी हैं तैयार, हमें करना होगा ये काम, लांसेट रिपोर्ट में अहम खुलासा

स्वास्थ्यविश्व हृदय दिवसः ताकि दुरुस्त रहे हमारे हृदय की धड़कन, मौत का आंकड़ा 23.4 प्रतिशत दर्ज

स्वास्थ्यकेरल में अलर्ट, 'मस्तिष्क भक्षी अमीबा' से 19 लोगों की मौत, जानें प्रकोप से जुड़ी 5 अहम बातें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद