डब्ल्यूएचओ ने वायु प्रदूषण को तेजी से कम करने की अनुशंसा की

By भाषा | Updated: September 23, 2021 16:51 IST2021-09-23T16:51:33+5:302021-09-23T16:51:33+5:30

WHO recommends rapid reduction of air pollution | डब्ल्यूएचओ ने वायु प्रदूषण को तेजी से कम करने की अनुशंसा की

डब्ल्यूएचओ ने वायु प्रदूषण को तेजी से कम करने की अनुशंसा की

(लॉरा कोर्लिन, टफ्ट्स यूनिवर्सिटी)

मैसाचुसेट्स, 23 सितंबर (द कन्वरसेशन) वायु प्रदूषण दुनिया में मौत का चौथा बड़ा कारण है, जिससे हर मिनट करीब 13 लोगों की असमय मौत होती है। गैस और सूक्ष्म कण आपके फेफड़ों में गहरे तक जा सकते हैं, आपके खून में मिल सकते हैं और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

भले ही आप वायु प्रदूषकों को नहीं देख सकते, और यहां तक ​​कि जब उनका स्तर दुनिया भर के कई देशों द्वारा निर्धारित कानूनी सीमा से नीचे है, तब भी वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं जो हर उम्र के लोगों में कई अंग प्रणालियों को प्रभावित करते हैं।

हाल के वर्षों में इन स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में वैज्ञानिकों की समझ में बहुत कुछ बदला है। वायु प्रदूषण का स्तर जो कम लगता था वह अब जन्म के समय शिशु के कम वजन, सांस की समस्या, हृदय रोग और अल्जाइमर रोग जैसे खतरनाक स्वास्थ्य परिणामों से जुड़ा हुआ है।

टफ्ट्स विश्वविद्यालय में एक महामारी विज्ञानी के रूप में, जो वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों का अध्ययन करता है, मैं वायु प्रदूषकों से होने वाले नुकसान को स्वीकार करता हूं। मैं वायु की खराब गुणवत्ता के सबसे ज्यादा संपर्क में आने वाले लोगों के साथ होने वाले अन्याय को भी स्वीकार करता हूं।

फेफड़ों, दिल और अन्य अंग प्रणालियों को होने वाले नुकसान

नये वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देश 2005 के बाद से डब्ल्यूएचओ का पहला अपडेट हैं, और प्रमुख वैज्ञानिक, चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य समाज के सदस्य नए दिशा-निर्देशों के महत्वाकांक्षी कार्यान्वयन का समर्थन करते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने पीएम2.5 के संपर्क के लिए अपनी अनुशंसित सीमा को आधा कर दिया है, यह आमतौर पर कारों, ट्रकों और हवाई जहाजों से उत्पन्न छोटे कण होते हैं और जंगल की आग के धुएं का एक प्रमुख घटक हैं। संगठन ने औसत अधिकतम जोखिम को प्रति घन मीटर 10 माइक्रोग्राम प्रति वर्ष से घटाकर पांच माइक्रोग्राम कर दिया है।

इसने गैस के रूप में वायु में मौजूद प्रदूषक जैसे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की सीमा को लेकर भी सख्ती बरती है जो तब उत्पन्न होता है जब वाहनों एवं ऊर्जा संयंत्रों में जीवाश्म ईंधन जलाए जाते हैं। डब्ल्यूएचओ ने अब नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के पूर्व स्तर को 25 प्रतिशत घटाकर 40 से 10 किलोग्राम प्रति घन मीटर कर दिया है।

पीएम 2.5 स्तर को प्रति वर्ष पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक घटाने से बड़े स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

अनुसंधान दिखाते हैं कि गर्भावस्था के दौरान प्रति घन मीटर प्रत्येक पांच माइक्रोग्राम पीएम 2.5 के संपर्क में आने से कम वजन के शिशु को जन्म देने की आशंका 4 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। वयस्कता में, यही दर दिल संबंधी समस्या होने की 13 प्रतिशत आशंका के साथ जुड़ी हुई है, जैसे दिल का दौरा पड़ना और ह्रदय वाहिका से संबंधित मौत; फेफड़ों के कैंसर की चार प्रतिशत बढ़ने की आशंका और अल्जाइमर रोग की आशंका दो गुना से अधिक बढ़ जाती है।

भारत जैसे देशों में, पीएम2.5 की औसत वार्षिक दर डब्ल्यूएचओ के नये स्तर से करीब 12 गुना अधिक है। हालांकि, किसी भी देश के कानूनी वायु गुणवत्ता मानक डब्ल्यूएचओ अनुशंसा के अनुरूप नहीं हैं।

डब्ल्यूएचओ के नए वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश सरकारों को औसत वायु प्रदूषण जोखिम पर सीमा निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं जो सभी के स्वास्थ्य की बेहतर रक्षा कर सकते हैं।

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Web Title: WHO recommends rapid reduction of air pollution

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