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Coronavirus: ट्रंप ने रोकी WHO की दी जाने वाली अनुदान राशि, टेडरोस ने अफसोस जताया, ईरान बोला- अमेरिका लोगों को मारता है

By भाषा | Updated: April 16, 2020 05:46 IST

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरोस अदानोम गेब्रेयसस ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हमें अफसोस है कि अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिए जाने वाले अनुदान पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।”

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ठळक मुद्देविश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा डब्ल्यूएचओ को दिए जाने वाले अनुदान पर रोक लगाने संबंधी निर्णय पर बुधवार को दुख जताया। ट्रंप ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर डब्ल्यूएचओ की भूमिका की आलोचना की थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा डब्ल्यूएचओ को दिए जाने वाले अनुदान पर रोक लगाने संबंधी निर्णय पर बुधवार को दुख जताया। ट्रंप ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर डब्ल्यूएचओ की भूमिका की आलोचना की थी।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरोस अदानोम गेब्रेयसस ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हमें अफसोस है कि अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिए जाने वाले अनुदान पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।”

डब्ल्यूएचओ का अनुदान रोकने पर ईरान ने कहा- दुनिया देख रही है कि अमेरिका लोगों को मारता है

ईरान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दिया जाने वाला अनुदान रोकने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पर कहा कि दुनिया देख रही है कि अमेरिका ‘‘लोगों को मारता है।’’

ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाया कि जब चीन से कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत हुई तो संयुक्त राष्ट्र का यह संगठन इसे संभालने में नाकाम रहा है और असली तस्वीर छुपाता रहा। इसी सिलसिले में अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को डब्ल्यूएचओ को दिये जाने वाले 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कोष पर रोक लगा दी।

ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने ट्रंप के इस फैसले को लेकर ट्वीट किया, ''महामारी के दौरान अनुदान को रोकना शर्मनाक है। दुनिया वही देख रही है कि जो ईरान हमेशा सहता आया है। दरअसल अमेरिका ने 2018 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अलग हो कर उस पर प्रतिबंध लगा दिये थे, जिसे लेकर जरीफ ने यह बात कही। जरीफ ने आगे लिखा, ''अमेरिकी शासन की ये चालें, धमकियां और झगड़ालू रवैया सिर्फ उसकी एक लत ही नहीं है बल्कि यह लोगों को मरने देने की उसकी पुरानी आदत है।''

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