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धूल क्या है और यह आती कहां से है?

By भाषा | Updated: September 27, 2021 13:32 IST

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मैकक्वेरी यूनिवर्सिटी के मार्क पैट्रिक टेलर, सिंथिया फाये इस्ले, कारा फ्राई और मैक्स एम गिलिंग्स

सिडनी, 27 सितंबर (द कन्वरसेशन) हमारे घरों में हर चीज पर धूल जमा होती है, लेकिन यह धूल आखिर क्या है? यह आती कहां से है और हटाए जाने के बाद वापस क्यों आ जाती है? क्या यह बाहर से आती है? क्या यह हमारे कपड़ों से निकलने वाले रेशे हैं या हमारी त्वचा की कोशिकाएं हैं?

मैकक्वेरी यूनिवर्सिटी के डस्टसेफ कार्यक्रम के लिए ऑस्ट्रेलिया भर से लोग अपने घरों की धूल भेज रहे हैं। वैक्यूम क्लीनर को कूड़ेदान में खाली करने के बजाय, वे इसे पैक करके भेजते हैं और हम इसका विश्लेषण करते हैं। इसके परिणामस्वरूप हम धूल से जुड़े रहस्यों को जान रहे हैं। कुल 35 देश इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं।

अभी तक के अध्ययन से हमें पता चला है कि धूल हर जगह है। यह घरों और इमारतों के भीतर एकत्र होने के साथ-साथ प्राकृतिक वातावरण में सभी सतहों पर एकत्र होती है। कुछ धूल प्राकृतिक होती है, जो चट्टानों, मिट्टी और यहां तक कि अंतरिक्ष से भी आती है, लेकिन ‘डस्टसेफ’ कार्यक्रम से पता चला है कि ऑस्ट्रेलिया के घरों में एकत्र होने वाली धूल में कुछ खतरनाक कण भी हो सकते हैं, जैसे: धातु कण, रेडियोधर्मी तत्व, एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीन, माइक्रोप्लास्टिक्स और अग्निशामक फोम, कपड़े और कालीनों को दाग और पानी से बचाने के इस्तेमाल होने वाले तत्व, पैकेजिंग और अन्य स्रोतों में पाए जाने वाले परफ्लुओरिनेटेड रसायन (पीएफएएस)।

घरों के अंदर से आने वाली धूल

कुछ अनुमान बताते हैं कि घरेलू धूल में से एक तिहाई धूल कण आपके घर के अंदर के स्रोतों से उत्पन्न होते हैं और शेष कण हवा, कपड़ों, पालतू जानवरों और जूतों आदि के जरिए बाहर से आते हैं। आप और आपके पालतू पशु की त्वचा कोशिकाएं और बाल भी धूल का हिस्सा होते हैं। धूल सड़ने वाले कीड़ों, भोजन के टुकड़ों, प्लास्टिक और मिट्टी से भी बनती है।

इस बात के सबूत मिल रहे हैं कि कुछ ‘‘गंदगी’’ लाभकारी होती है, क्योंकि इससे रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है और एलर्जी का खतरा कम होता है, लेकिन घर के अंदर खाना बनाने, खुली चिमनी का इस्तेमाल और धूम्रपान करने से आपके घर में बहुत महीन धूल के साथ-साथ चिंताजनक प्रदूषक पैदा होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

धूल में रसायन भी व्यापक रूप से शामिल होते हैं। इनमें वे रसायन भी शामिल हैं, जो स्थायी जैविक प्रदूषकों पर संयुक्त राष्ट्र के स्टॉकहोम सम्मेलन में सूचीबद्ध हैं। इन रसायनों के कारण कैंसर, जन्म संबंधी विकार, निष्क्रिय प्रतिरोधी क्षमता एवं प्रजनन प्रणाली और तंत्रिका तंत्र को नुकसान हो सकता है।

हमारे घर के बाहर से आने वाली धूल

घरों में होने वाली धूल का दो तिहाई हिस्सा बाहर से आता है। उद्यानों की मिट्टी और सड़कों पर होने वाली धूल आपके जूतों या हवा के कारण आपके घरों के भीतर पहुंचती है। बाहर होने वाली धूल आपके पालतू पशुओं के बालों से भी आती है। वाहनों से निकलने वाली धूल भी घरों में आती है। इसके अलावा खेतों एवं रेगिस्तानी क्षेत्रों से भी धूल घरों में आती है। झाड़ियों में लगी आग वायुमंडलीय धूल के सूक्ष्म कण पैदा करती है, जिनमें जहरीले घटक हो सकते हैं।

आस-पास की खदानों और उद्योगों से निकलने वाली धूल में भी जहरीले घटक होते हैं। खराब वायु गुणवत्ता और नम घर बीमारी का स्रोत हैं।

कीटाणुनाशक और जीवाणुरोधी उत्पादों का अत्यधिक उपयोग भी हानिकारक है।

धूल के खिलाफ कदम उठाएं

घरों में होने वाली धूल जीवन का हिस्सा है। बंद घरों में भी धूल एकत्र होती है, लेकिन कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि धूल कम एकत्र हो। पायदानों का इस्तेमाल कीजिए और जूते बाहर उतारिए। धूल में खेलकर आए बच्चों एवं पालतू जानवरों को घर में घुसने से पहले ही साफ करें। प्लास्टिक, कीटनाशकों और जलरोधक के उपयोग को कम करने से रासायनिक पदार्थों को कम करने में मदद मिलेगी।

जीवाणुरोधी उत्पादों का अनावश्यक इस्तेमाल बंद करें। साबुन या डिटर्जेंट का इस्तेमाल करके गीले कपड़े की मदद से सतह साफ करना भी उपयोगी है। इसके अलावा वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल मददगार है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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