नई दिल्ली: यूक्रेन संकट को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। इस बीच इस मुद्दे को लेकर भारत का भी बयान आया है। गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, भारत निरंतर राजनयिक बातचीत के माध्यम से तनाव और मुद्दे के समाधान के तत्काल डी-एस्केलेशन का समर्थन करता है। मिन्स्क समझौतों के कार्यान्वयन के लिए नॉरमैंडी प्रारूप के तहत किए जा रहे प्रयासों का स्वागत है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हम स्थिति का राजनयिक और शांतिपूर्ण समाधान देखना चाहते हैं। मालूम हो कि बीते मंगल यूक्रेन को लेकर चल रहे तनाव के बीच भारतीय नागरिकों के लिए कीव स्थित भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी कर यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है।
इस पर बागची ने कहा कि तत्काल निकासी की कोई योजना नहीं है, इसलिए कोई विशेष उड़ानें नहीं हैं। हालांकि, एयर बबल व्यवस्था के तहत सीमित संख्या में उड़ानें थीं, उड़ानों और यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध हटा दिया गया था। भारतीय वाहकों को भारत-यूक्रेन के बीच चार्टर्ड उड़ानें संचालित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
वहीं पंजाब चुनाव के मद्देनजर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सरकार की विदेश नीति पर उठाए गए सवाल पर अरिंदम बागची ने मनमोहन सिंह के आरोप को राजनीतिक बताया। उन्होंने कहा, मेरे दृष्टिकोण से, यह स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक संदेश है। नीति नहीं... जहां तक चीन का संबंध है, मामले के तथ्य स्पष्ट हैं। मुझे उन्हें दोहराने की जरूरत नहीं है, हम चीन के साथ बातचीत की प्रक्रियाओं और कैसे स्थिति पैदा हुई है, इस पर चर्चा कर रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने वीडियो संदेश के जरिए कहा था कि उन्हें (भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार) आर्थिक नीति की कोई समझ नहीं है। मामला देश तक सीमित नहीं है। यह सरकार विदेश नीति पर भी विफल रही है। चीन हमारी सीमा पर बैठा है और उसे दबाने की कोशिश की जा रही है।