नई दिल्ली:पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लोगों द्वारा अलग देश की मांग करते हुए रविवार को एक रैली निकाली गई। इस रैली में बड़ी संख्या में आजादी समर्थक लोगों ने हिस्सा लिया।
इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे लोगों के हाथों में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई वैश्विक नेताओं की तस्वीर लगी तख्तियां दिखाई दी। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आजादी के नारे लगाए।
यही नहीं वहां मौजूद लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी व विश्व के बड़े नेताओं से अलग सिंधुदेश की मांग को समर्थन देने की मांग की। उनलोगों ने कहा कि वैश्विक नेताओं को हमारी मांग पर ध्यान देखर इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
जीएम सईद की 117 वीं जयंती पर सिंध प्रांत में प्रदर्शन किया गया-
बता दें कि पाकिस्तान में जीएम सईद की 117 वीं जयंती पर सिंध प्रांत के सान कस्बे में प्रदर्शनकारियों ने सिंधुदेश की आजादी के लिए रैली निकाली। इस अवसर पर प्रदर्शनकारी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया के अलग-अलग देशों के नेताओं की तस्वीरें हाथों में लिए नारा लगा रहे थे।
जीएम सईद आधुनिक सिंधी राष्ट्रवाद के जनक माने जाते हैं। सईद सान में पैदा हुए थे। सान कस्ब पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जमशोरो जिले में पड़ता है। प्रदर्शनकारियों ने इस बात का दावा किया कि सिंध प्रांत सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक सभ्यता का घर है और जिसे ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था और 1947 में उन्होंने 1947 में पाकिस्तान के मुस्लमानों के हाथों में सौंप दिया था।
इस कार्यक्रम के आयोजकों में से एक शफी मोहम्मद बुरफात ने ये कहा-
मीडिया से बात करते हुए, इस कार्यक्रम के आयोजकों में से एक शफी मोहम्मद बुरफात ने कहा कि सभी दर्दनाक हमलों के बीच सिंध ने अपने इतिहास, संस्कृति, स्वतंत्रता, सहिष्णु और सामंजस्यपूर्ण समाज के रूप में अपनी अलग ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखा है।
जेई सिंध मुत्तहिदा महाज के अध्यक्ष शफी मोहम्मद बुरफात ने कहा कि विदेशी और देशी लोगों की भाषाओं और विचारों ने न केवल एक-दूसरे को प्रभावित किया है बल्कि मानव सभ्यता के सामान्य संदेश को स्वीकार भी किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व और पश्चिम के धर्मों, दर्शन और सभ्यता के इस ऐतिहासिक मेल ने हमारी मातृभूमि सिंध को मानवता के इतिहास में एक अलग स्थान दिया है।