अमेरिका व अफगान के बीच हुए शांति समझौते के बावजूद नहीं रुक रही है हिंसा, हमले में अफगान सुरक्षा बल के 24 कर्मियों की मौत
By भाषा | Updated: March 20, 2020 20:00 IST2020-03-20T19:32:41+5:302020-03-20T20:00:45+5:30
पिछले महीने तालिबान के साथ अमेरिका के शांति समझौते के बाद अब तक का सबसे वीभत्स हमला है। यह हमला कलात के समीप पुलिस और सेना के संयुक्त मुख्यालयों को निशाना बनाकर किया गया।

हमले में अफगान सुरक्षा बल के 24 कर्मियों की मौत
काबुल: दक्षिणी अफगानिस्तान में अफगान सुरक्षा बलों के अड्डे पर उसके ही लोगों द्वारा किए गए हमले में शुक्रवार को कम से 24 सैनिकों की मौत हो गई। जाबुल के गवर्नर रहमतुल्ला यरमाल ने कहा कि कई ‘‘घुसपैठियों’’ ने अपने कोमरेड पर उस समय गोलियां चलाई जब वे सो रहे थे।
यह पिछले महीने तालिबान के साथ अमेरिका के शांति समझौते के बाद अब तक का सबसे वीभत्स हमला है। यह हमला कलात के समीप पुलिस और सेना के संयुक्त मुख्यालयों को निशाना बनाकर किया गया। प्रांतीय राजधानी कलात को लंबे समय तक तालिबान का गढ़ माना जाता रहा। जाबुल के प्रांतीय परिषद के प्रमुख अता जन हक बायन ने कहा, ‘‘हमले में अफगान सेना के 14 जवान और 10 पुलिसकर्मी मारे गए।
हमलावरों का तालिबान के आंतकवादियों से ताल्लुक था।’’ वे एक पिकअप ट्रक, हथियार और गोला बारुद के साथ सेना के दो वाहनों में फरार हो गए। यरमाल ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की। तालिबान ने अभी इस हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री असदुल्ला खालिद ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए तालिबान से संघर्षविराम करने का आह्वान किया था। जाबुल प्रांत की सीमा पाकिस्तान से लगती है और तालिबान का पूर्व शीर्ष नेता मुल्ला उमर वर्षों तक यहां छिपा रहा था। वह 2013 में मारा गया था।