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अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के ट्वीट से चीन में अमेरिकी राजदूत के पद छोड़ने के संकेत

By भाषा | Updated: September 14, 2020 20:12 IST

अमेरिकी विदेश विभाग से इसकी तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी है। पोम्पिओ ने लिखा, ‘‘राजदूत ब्रान्स्टेड ने अमेरिका-चीन संबंधों को पुनर्जीवित करने में योगदान दिया है ताकि यह परिणामोन्मुखी, पारस्परिक और निष्पक्ष हो।’’

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ठळक मुद्देपोम्पिओ ने तीन साल से अधिक समय तक सेवा के लिए ट्विटर पर राजदूत ब्रान्स्टेड को धन्यवाद दिया।चीन के सरकारी समाचार पत्र ‘पीपुल्स डेली’ ने उस लेख (कॉलम) को खारिज कर दिया था जो उन्होंने दिया था।अमेरिका में चीनी राजदूत ‘‘किसी भी अमेरिकी मीडिया आउटलेट में प्रकाशित कराने के लिए स्वतंत्र हैं।’’

बीजिंगः चीन में अमेरिकी राजदूत टेरी ब्रान्स्टेड अगले महीने की शुरुआत में अपना पद छोड़ देंगे। ब्रान्स्टेड का तीन साल का कार्यकाल दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध और दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यस्थाओं के बीच कटु संबंधों के रूप में याद किया जाएगा।

बीजिंग स्थित अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि वर्ष 2017 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा नियुक्त ब्रान्स्टेड ने पिछले हफ्ते फोन के जरिये ट्रम्प को अपने फैसले से अवगत करा दिया है। उनके पद छोड़ने के कारणों की जानकारी नहीं दी गई है।

बयान में दूतावास के कर्मियों के साथ बैठक में ब्रान्स्टेड की बात को उद्धृत करते हुए कहा गया, ‘‘मैं पहले चरण के व्यापार समझौते और स्वदेश में अपने समुदायों के लिए ठोस नतीजे हासिल करने के लिए किए गए अपने काम पर गौरान्वित हूं।’’ ब्रान्स्टेड के पद छोड़ने की जानकारी पहले ही दिन में ही तब सार्वजनिक हो गई थी जब विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने ट्विटर पर उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

योगदान दिया है ताकि यह परिणामोन्मुखी, पारस्परिक और निष्पक्ष हो

पोम्पिओ ने लिखा, ‘‘राजदूत ब्रान्स्टेड ने अमेरिका-चीन संबंधों को पुनर्जीवित करने में योगदान दिया है ताकि यह परिणामोन्मुखी, पारस्परिक और निष्पक्ष हो।’’ अमेरिकी दूतावास की घोषणा से पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पोम्पियो के ट्वीट की उसके जानकारी है लेकिन अभी तक ब्रान्स्टेड के पद छोड़ने की कोई अधिसूचना नहीं है।

ब्रान्स्टेड उस समय एक विवादों में आ गये थे जब चीन के सरकारी समाचार पत्र ‘पीपुल्स डेली’ ने उस लेख (कॉलम) को खारिज कर दिया था जो उन्होंने दिया था। पोम्पिओ ने पिछले सप्ताह टि्वट किया था कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने ब्रान्स्टेड के लेख को प्रकाशित करने से मना कर दिया जबकि अमेरिका में चीनी राजदूत ‘‘किसी भी अमेरिकी मीडिया आउटलेट में प्रकाशित कराने के लिए स्वतंत्र हैं।’’

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने इसके जवाब में कहा था कि ब्रान्स्टेड का लेख ‘‘खामियों से भरा हुआ था, तथ्यों के साथ गंभीर रूप से असंगत था और चीन पर हमला करता हुआ प्रतीत हो रहा था।’’

चीन स्पष्ट तौर पर अपने पड़ोसियों को परेशान करने में लगा हुआ है: पोम्पिओ

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत-चीन सीमा पर स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद जताते हुए कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) ताइवान स्ट्रेट से लेकर हिमालय तक स्पष्ट तौर पर अपने पड़ोसियों को परेशान करने में लगी हुई है। विदेश विभाग के मुख्यालय में पोम्पिओ ने पत्रकारों से कहा कि उसकी यह प्रवृत्ति दक्षिण चीन सागर में भी जाहिर है।

उन्होंने कहा, “हम भारत-चीन सीमा पर हालात के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।’’ अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ताइवान स्ट्रेट से लेकर हिमालय और अन्य जगहों पर, सीपीसी साफ तौर पर अपने पड़ोसियों को परेशान करने में लगी हुई है।

पोम्पिओ ने कहा, “सीपीसी के साम्राज्यवाद के लिए जिम्मेदार तथा हमारे सहयोगी फिलीपीन तथा अन्य देशों के आर्थिक क्षेत्रों में अवैध ऊर्जा निगरानी जैसे कामों में लगे, चीनी व्यक्तियों और संस्थानों पर अमेरिका ने पिछले हफ्ते प्रतिबंध और वीजा पाबंदियां लगायी हैं।“ पोम्पिओ अगले हफ्ते आसियान और हिंद-प्रशांत देशों के विदेश मंत्रियों के साथ ऑनलाइन बैठकें करने वाले हैं।

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