अरब-इजराइल शांतिः अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो बोले- अन्य Arab राष्ट्रों के भी रिश्ते बढ़ाने की उम्मीद
By भाषा | Updated: August 24, 2020 17:57 IST2020-08-24T17:57:14+5:302020-08-24T17:57:14+5:30
अमेरिका की मदद से इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित किये जाने की 13 अगस्त को हुई घोषणा के बाद पोम्पियो क्षेत्र के कई देशों की यात्रा पर हैं और उनका पहला पड़ाव यरुशलम है।

डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति की एक प्रमुख उपलब्धि माना जा रहा है जो इस साल फिर से इस पद के लिये अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। (file photo)
यरुशलमः ट्रंप प्रशासन की अरब-इजराइल शांति को और बढ़ावा देने की कोशिशों को गति देने के उद्देश्य से सोमवार को पश्चिम एशिया का दौरा शुरू करने वाले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अन्य अरब राष्ट्र भी इजराइल के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करेंगे।
पोम्पियो ने यरुशलम में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया। अमेरिका की मदद से इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित किये जाने की 13 अगस्त को हुई घोषणा के बाद पोम्पियो क्षेत्र के कई देशों की यात्रा पर हैं और उनका पहला पड़ाव यरुशलम है।
पोम्पियो ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि अन्य अरब राष्ट्र भी इसमें शामिल होंगे।” उन्होंने कहा, “उनके पास साथ मिलकर काम करने, इजराइली राष्ट्र को मान्यता देने और उसके साथ काम करने से न सिर्फ पश्चिम एशिया के लोगों के जीवन में स्थिरता आएगी बल्कि उनके अपने देश के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।” इस समझौते को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति की एक प्रमुख उपलब्धि माना जा रहा है जो इस साल फिर से इस पद के लिये अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
ईरान फलस्तीन के लिये व्यापक परंपरागत अरब समर्थन हासिल कर रहा है और ऐसे में इजराइल से यूएई के कूटनीतिक संबंधों की शुरुआत बड़ी कामयाबी के तौर पर देखी जा रही है। अमेरिका, इजराइल और यूएई ने इसी महीने पूर्ण कूटनीतिक संबंध स्थापित करने के समझौते की घोषणा की थी, जिसके लिये पश्चिमी तट के अपने कब्जे वाले हिस्से के कुछ अंश को अपने में मिला लेने की योजना को ठंडे बस्ते में डालना था। इस इलाके की मांग फलस्तीन भविष्य के अपने राष्ट्र के हिस्से के तौर पर करता रहा है।
दौरे के दौरान पोम्पियो को सरकार में नेतन्याहू के साझीदार और रक्षा मंत्री बेनी गांट्ज और विदेश मंत्री गबी अश्केनाजी से भी मुलाकात करनी है। अमेरिकी विदेश मंत्री इजराइल के बाद सूडान, यूएई और बहरीन की भी यात्रा करेंगे। खाड़ी में उनका अतिरिक्त ठहराव भी संभव है।