(अदिति खन्ना)
लंदन, 10 नवंबर भारत नीत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में अमेरिका 101वें सदस्य देश के तौर पर बुधवार को शामिल हो गया। जलवायु के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी ने आईएसए के एक रूपरेखा समझौते पर दस्तखत किये।
कैरी ने अमेरिकी सदस्यता को सौर ऊर्जा के तेजी से उपयोग बढ़ने की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने ग्लासगो में सीओपी26 जलवायु सम्मेलन में रूपरेखा समझौते पर औपचारिक रूप से दस्तखत किये।
कैरी ने कहा, ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होकर खुश हैं जिसकी स्थापना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगुवाई की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस संबंध में ब्योरे पर काम किया और इस प्रक्रिया का हिस्सा बनकर खुश हैं। यह वैश्विक रूप से सौर ऊर्जा के तेजी से और अधिक उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान होगा। यह विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण होगा।’’
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आईएसए के 101वें सदस्य के रूप में अमेरिका का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम से आईएसए मजबूत होगा और दुनिया को ऊर्जा का स्वच्छ स्रोत प्रदान करने पर भविष्य की कार्रवाई को प्रेरित करेगा।’’
उन्होंने बाद में ट्वीट किया, ‘‘इस बात से प्रसन्न हूं कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का औपचारिक रूप से हिस्सा है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा पेरिस सीओपी में 2015 में शुरू की गयी एक दूरदृष्टि वाली पहल है। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के सदस्य देशों की संख्या अब 101 है।’’
आईएसए की रूपरेखा में साझेदारियों के माध्यम से सभी देशों को वैश्विक प्रासंगिकता और स्थानीय लाभ प्रदान करने पर जोर देना है। इस रूपरेखा को सर्वप्रथम 2016 में देशों को वितरित किया गया था।
आईएसए के महानिदेशक डॉ अजय माथुर ने कहा, ‘‘आईएसए की रूपरेखा और प्रयासों को अमेरिका का समर्थन सुखद घटनाक्रम है। 101वें सदस्य राष्ट्र के तौर पर यह खास है।’’
प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद ने नवंबर 2015 में पेरिस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर पक्षों के सम्मेलन के 21वें सत्र (सीओपी-21) में आईएसए के आरंभ की घोषणा की थी।
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