अमेरिका, भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा हितों को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता जतायी

By भाषा | Updated: September 25, 2021 17:20 IST2021-09-25T17:20:36+5:302021-09-25T17:20:36+5:30

US, India commit to promoting common interests in Indo-Pacific region | अमेरिका, भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा हितों को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता जतायी

अमेरिका, भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा हितों को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता जतायी

वाशिंगटन, 25 सितंबर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड समूह के तहत अमेरिका और भारत के बीच सहयोग बढ़ने का स्वागत किया है, जिसमें क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून के संबंध में एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उनके साझा दृष्टिकोण को देखते हुए बहुपक्षीय क्षेत्र में सहयोग शामिल है।

शुक्रवार को व्हाइट हाउस में बाइडन और मोदी के बीच पहली आमने-सामने की द्विपक्षीय बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उसके बाहर साझा हितों को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की। क्वाड सुरक्षा वार्ता में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।

द्विपक्षीय बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि मोदी और बाइडन ने ‘‘एक स्पष्ट दृष्टि की पुष्टि की, जो अमेरिका-भारत संबंधों को आगे बढ़ाएगी: इसमें एक रणनीतिक साझेदारी का निर्माण और आसियान और क्वाड सदस्यों सहित क्षेत्रीय समूहों के साथ मिलकर काम करना, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उससे आगे साझा हितों को बढ़ावा देना शामिल है।’’

आसियान को इस क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है और भारत के साथ ही अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं। आसियान के 10 सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमा और कंबोडिया शामिल हैं।

भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य दखल की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुले और संपन्न क्षेत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं।

चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के अधिकतर क्षेत्र पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम सभी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। पूर्वी चीन सागर में चीन का जापान के साथ भी क्षेत्रीय विवाद है।

दोनों नेताओं ने एक व्यापार और निवेश साझेदारी विकसित करने के लिए भी उत्सुकता जतायी है, जो दोनों देशों में कामकाजी परिवारों के लिए समृद्धि बढ़ाये। साथ ही दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी और अन्य स्वास्थ्य चुनौतियों के खिलाफ लड़ाई को समाप्त करने पर जोर दिया।

बयान में कहा गया है कि नेताओं ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई को बढ़ाने के लिए वैश्विक प्रयासों, साथ ही हमारे संबंधित लोगों के समर्थन में लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थानों को मजबूत करने, और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की, जिसने दोनों देशों को मजबूत बनाया है।

इसके अलावा, दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण पर सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए यूएस-इंडिया गांधी-किंग डेवलपमेंट फाउंडेशन के शुभारंभ को लेकर उत्सुकता जतायी।

वैश्विक भागीदारों के रूप में, अमेरिका और भारत ने शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और लोगों के जुड़ाव में अपने सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प लिया। बयान में कहा गया है कि नेताओं ने इस साल के अंत में भारत और अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्रियों की टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के जरिए करीबी विचार-विमर्श का स्वागत किया।

नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे और जीवंत संबंधों का स्वागत किया, जो अमेरिका और भारत के बीच विशेष बंधन को रेखांकित करता है और लगभग 75 वर्षों तक उनकी साझेदारी को बनाए रखा है।

उन्होंने दूसरों को स्वतंत्रता, लोकतंत्र, सार्वभौमिक मानवाधिकार, सहिष्णुता और बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए समान अवसरों के उनके साझा मूल्यों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया तथा सतत विकास और वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए प्रयासों को आगे बढ़ाने के वास्ते प्रतिबद्धता जतायी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका द्वारा भारत को प्राचीन वस्तुएं वापस करने की प्रशंसा की। नेताओं ने चोरी, अवैध व्यापार और सांस्कृतिक वस्तुओं की तस्करी से निपटने के लिए अपने प्रयासों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जतायी।

बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी ने साझा मूल्यों और सिद्धांतों और बढ़ते रणनीतिक अभिसरण को रेखांकित करते हुए अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया और अमेरिका और भारत एकसाथ क्या हासिल करेंगे, इसको लेकर उत्सुकता जतायी।

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Web Title: US, India commit to promoting common interests in Indo-Pacific region

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