श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट पर अमेरिकी राजदूत का बड़ा बयान- लोगों को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है
By मनाली रस्तोगी | Updated: April 2, 2022 11:06 IST2022-04-02T10:56:31+5:302022-04-02T11:06:13+5:30
श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट को लेकर अमेरिकी राजदूत जूलिया चुंग ने ट्वीट करते हुए लिखा कि श्रीलंकाई लोगों को शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का अधिकार है।

श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट पर अमेरिकी राजदूत का बड़ा बयान- लोगों को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है
कोलंबो: श्रीलंका में आर्थिक संकट जारी है। ऐसे में जहां एक ओर श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देशव्यापी आपातकाल की घोषणा कर दी है तो वहीं इस संकट पर अमेरिकी दूत का ट्वीट सामने आया है। प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए एक अमेरिकी दूत ने कहा है कि "लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति" के लिए शांतिपूर्ण विरोध आवश्यक है।
Sri Lankans have a right to protest peacefully - essential for democratic expression. I am watching the situation closely, and hope the coming days bring restraint from all sides, as well as much needed economic stability and relief for those suffering.
— Ambassador Julie Chung (@USAmbSL) April 2, 2022
श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत जूलिया चुंग ने ट्वीट करते हुए लिखा, "श्रीलंकाई लोगों को शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का अधिकार है - लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति के लिए आवश्यक। मैं स्थिति को करीब से देख रही हूं, और आशा करती हूं कि आने वाले दिन सभी पक्षों से संयम लाएंगे, साथ ही पीड़ित लोगों के लिए आवश्यक आर्थिक स्थिरता और राहत भी लाएंगे।"
बता दें कि श्रीलंका सरकार ने मौजूदा आर्थिक संकट को लेकर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के पास हुए हिंसक प्रदर्शन को शुक्रवार को 'आतंकी कृत्य' करार दिया और इस घटना के लिए विपक्षी दलों से जुड़े 'चरमपंथी तत्वों' को जिम्मेदार ठहराया। राजपक्षे के आवास के बाहर गुरुवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी जमा हो गए थे जिन्होंने द्वीप राष्ट्र में भीषण आर्थिक संकट को दूर करने में उनकी विफलता को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की। देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन में हिंसा भड़क उठी थी। वहीं, शुक्रवार को राजपक्षे ने देशव्यापी आपातकाल की घोषणा की।
वहीं, राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक संदेश में कहा कि उन्होंने सार्वजनिक व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपातकाल लगाने का फैसला किया। मालूम हो, श्रीलंका 10 घंटे बिजली कटौती से आर्थिक संकट से निपटने की कोशिश कर रहा है। डीजल की कमी ने कई हिस्सों में जनजीवन भी ठप कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस आइलैंड नेशन पर करीब 3 अरब डॉलर का कर्ज है। देश में महामारी के दौरान संकट और बढ़ गया था जो काफी हद तक पर्यटन क्षेत्र पर निर्भर है। मौजूदा आर्थिक स्थिति के लिए विश्लेषकों द्वारा कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया गया है।