भारत की अध्यक्षता में यूएनएससी की बैठक में दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका, चीन आपस में भिड़े

By भाषा | Updated: August 9, 2021 22:40 IST2021-08-09T22:40:02+5:302021-08-09T22:40:02+5:30

US, China clash over South China Sea in UNSC meeting chaired by India | भारत की अध्यक्षता में यूएनएससी की बैठक में दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका, चीन आपस में भिड़े

भारत की अध्यक्षता में यूएनएससी की बैठक में दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका, चीन आपस में भिड़े

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, नौ अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समुद्री सुरक्षा को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में सोमवार को अमेरिका और चीन आपस में भिड़ गए।

अमेरिका ने कहा कि उसने दक्षिण चीन सागर में गैरकानूनी समुद्री दावों के तहत चीन को ‘‘उकसाने वाले कदम’’ उठाते देखा है, जिसके जवाब में चीन ने कहा कि अमेरिका को इस मामले पर ‘‘गैरजिम्मेदाराना बयान’’ देने का कोई अधिकार नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुद्री सुरक्षा पर ऑनलाइन उच्चस्तरीय खुली परिचर्चा को लेकर हुई बैठक की अध्यक्षता की। बाद में इस बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की और इस दौरान अन्य देशों के विदेश मंत्रियों और संयुक्त राष्ट्र दूतों ने अपने-अपने राष्ट्रीय बयान दिए। भारत को 15 देशों वाली शक्तिशाली सुरक्षा परिषद की अगस्त माह के लिए अध्यक्षता मिली है। भारत की अध्यक्षता में परिषद द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीन अहम कार्यक्रमों में यह बैठक शामिल है।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कुछ उन अहम क्षेत्रों पर बात की, जहां अमेरिका को ‘‘समुद्री नियमों एवं सिद्धांतों के लिए खतरा’’ लगता है। ब्लिंकन ने चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमने दक्षिण चीन सागर में समुद्र में पोतों के बीच खतरनाक संघर्ष और गैरकानूनी समुद्री दावों को आगे बढ़ाने के लिए उकसावे की कार्रवाइयों को देखा है।’’

चीन दक्षिण चीन सागर के लगभग सारे 13 लाख वर्ग मील के इलाके पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। इस क्षेत्र पर ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपीन, ताइवान और वियतनाम भी दावा करते हैं। चीन इस क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों पर सैन्य शिविर बना रहा है।

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘अमेरिका ने उन कदमों को लेकर अपनी चिंताएं स्पष्ट कर दी हैं, जो अन्य देशों को उनके समुद्री संसाधनों तक कानूनी तरीके से पहुंचने को लेकर धमकाते या परेशान करते हैं। हमने और दक्षिण चीन सागर पर दावा करने वाले अन्य देशों ने सागर में इस प्रकार के व्यवहार और गैरकानूनी समुद्री दावों का विरोध किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग कह सकते हैं कि दक्षिण चीन सागर में विवाद सुलझाने से अमेरिका या किसी ऐसे देश का कोई लेना-देना नहीं है, जो द्वीप और सागर में दावा पेश नहीं करता है, लेकिन इससे हमारा लेना-देना है क्योंकि उन नियमों की रक्षा करना हर सदस्य देश की जिम्मेदारी है, जिन्हें लेकर हमने समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने और जिनका पालन करने पर सहमति जताई है।’’

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘दक्षिण चीन सागर या किसी भी अन्य सागर में संघर्ष का सुरक्षा और वाणिज्य पर गंभीर वैश्विक असर होगा। इसके अलावा जब कोई देश इन नियमों के उल्लंघन का कोई परिणाम नहीं भुगतता है, तो इससे हर जगह अस्थिरता बढ़ती है।’’

चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि दाई बिंग ने बैठक में सबसे अंत में अपनी बात रखी और कहा कि वह ‘‘इस बात को रखना चाहते हैं कि दक्षिण चीन सागर के मामले पर चर्चा करने के लिए सुरक्षा परिषद उचित मंच नहीं है। अमेरिका ने अभी-अभी दक्षिण चीन सागर का जिक्र किया और चीन इसका कड़ा विरोध करता है।’’

बिंग ने कहा कि इस समय ‘‘चीन और आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का संगठन) देशों के संयुक्त प्रयासों से दक्षिण चीन सागर में स्थिति आमतौर पर स्थिर है। सभी देशों के पास अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार नौवहन और ऊपर उड़ान भरने की आजादी है।’’

चीनी दूत ने कहा कि बीजिंग ‘‘दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध और सक्षम है।’’

उन्होंने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका को दक्षिण चीन सागर के मामले पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियां करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका बात का बतंगड़ बना रहा है, दक्षिण चीन सागर में सैन्य पोतों एवं विमानों को मनमाने तरीके से भेजकर उकसा रहा है और क्षेत्र के देशों, खासकर संबंधित देशों में असहमति पैदा करने की सार्वजनिक तौर पर कोशिश कर रहा है।’’

बिंग ने कहा, ‘‘यह देश दक्षिण चीन सागर में शांति एवं स्थिरता के लिए खुद सबसे बड़ा खतरा बन गया है। अमेरिका यूएनसीएलओएस (समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) का स्वयं हिस्सा नहीं है, लेकिन अन्य देशों पर उंगली उठाकर स्वयं को इस सम्मेलन का न्यायाधीश समझता है।’’

ब्लिंकन ने समुद्री सुरक्षा पर ‘‘इस अहम चर्चा के लिए सभी को साथ लाने ’’ और खासकर हिंद प्रशांत क्षेत्र में ‘‘इन मामलों पर भारत के नेतृत्व’’ के लिए अमेरिका की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया।

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Web Title: US, China clash over South China Sea in UNSC meeting chaired by India

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