वाशिंगटन, 2 सितंबर: पेंटागन ने अमेरिकी संसद से अनुरोध किया है कि वह कोलिजन सपोर्ट फंड के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर यानी पाकिस्तानी रुपये में नापें तो करीब यह 3689 करोड़ की मदद पर पुर्नविचार किया जाए। भारतीय रुपये के हिसाब से माने तो करीब 2130 करोड़ भारतीय रुपये की मदद अमेरिका पाकिस्तान को अब तक देता आ रहा था। लेकिन अमेरिकी संसद का अनुरोध है कि यूएस राशि पर पुन:विचार करे क्योंकि पाकिस्तान दक्षिण एशिया रणनीति के तहत ठोस कार्रवाई करने में असफल रह रहा है।
पेंटागन के प्रवक्ता कोन फकनर ने पीटीआई को बताया कि दक्षिण एशिया रणनीति के तहत पाकिस्तान की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण 30 करोड़ डॉलर की राशि पर पुन:विचार किया गया है। रक्षा विभाग ने जून/जुलाई, 2018 में इसपर प्राथमिकता से विचार किया क्योंकि 30 सितंबर, 2018 को इस निधि के प्रयोग की अवधि समाप्त हो जाएगी।
इस निधि पर पुन:विचार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने यह प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। एक सवाल के जवाब में फकनर ने कहा, यह कोई नया फैसला या नयी घोषणा नहीं है।