संयुक्त राष्ट्र, 15 अप्रैलः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रूस के प्रस्ताव को भारी बहुमत से खारिज कर दिया है। इस प्रस्ताव में रूस ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा सीरिया पर किये गए हवाई हमले की निंदा की बात कही थी। रूस की तरफ से बुलाई गई इस आपात बैठक में हालांकि इस बात को लेकर निराशा भी व्यक्त की गई कि अंतरराष्ट्रीय संगठन की यह सबसे ताकतवर इकाई पिछले सात सालों से चले आ रहे सीरियाई संघर्ष से निपटने में नाकाम नजर आई है।
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की संयुक्त सेना ने शनिवार (14 अप्रैल) तड़के सीरिया पर हवाई हमला कर दिया था। अमेरिकी प्रशासन के अनुसार ये हमला सीरिया में पिछले हफ्ते किए गये रासायनिक हमलों के बाद किया जा रहा है। सीरिया में पिछले कुछ सालों से गृह युद्ध चल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (13 अप्रैल) देर रात को अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस में सीरिया पर हमले का आदेश दिया। इसके थोड़ी देर बाद ही धमाकों की आवाजें सुनाई देने लगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर हमले की वजह बशर अल-असद सरकार को रासायनिक हमले से विमुख करने के लिए ये कदम उठाया है। रॉयटर्स के अनुसार दमिश्क में कम से कम छह धमाकों की आवाज़ नागरिकों ने सुनी। रॉयटर्स के अनुसार दमिश्क के बारज़ाह जिले में स्थानीय नागरिकों ने हमले की पुष्टि की। बारज़ाह में सीरिया का प्रमुख साइंटिफिक रिसर्च सेंटर स्थित है।
रूस और चीन ने इस हमले पर आपत्ति जताई थी। संयुक्त राष्ट्र में भी इसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया था। तीन पश्चिमी देशों के गठबंधन की सेनाओं द्वारा सीरिया में हमले और आगे किसी तरह के बल के इस्तेमाल की निंदा और इसे फौरन रोके जाने की मांग वाले प्रस्ताव को 15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद के सिर्फ दो देशों चीन और बोलीविया का साथ मिला। इसके विपरीत आठ देशों ने रूसी प्रस्ताव के खिलाफ मत दिया। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड्स, स्वीडन, कुवैत, पोलैंड और आइवरी कोस्ट शामिल हैं। मतदान के दौरान चार देश - इथियोपिया, कजाखिस्तान, इक्वेटोरियल गिनी और पेरू अनुपस्थित रहे।
PTI Bhasha Inputs