संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों ने ग्लोबल वार्मिंग से गंभीर होती स्थिति को लेकर चेताया

By भाषा | Updated: August 10, 2021 17:47 IST2021-08-10T17:47:33+5:302021-08-10T17:47:33+5:30

UN scientists warn about worsening situation due to global warming | संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों ने ग्लोबल वार्मिंग से गंभीर होती स्थिति को लेकर चेताया

संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों ने ग्लोबल वार्मिंग से गंभीर होती स्थिति को लेकर चेताया

संयुक्त राष्ट्र, 10 अगस्त (एपी) जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की तरफ से सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि पृथ्वी इतनी गर्म होती जा रही है कि एक दशक में तापमान संभवत: उस सीमा के पार पहुंच जाएगा जिसे रोकने का दुनियाभर के नेता आह्वान करते रहे हैं। वैश्विक निकाय ने इसे “मानवता के लिए खतरे का संकेत” करार दिया है।

यूएस नेशनल सेंटर फॉर एटमस्फेरिक रिसर्च की वरिष्ठ जलवायु वैज्ञानिक और इस रिपोर्ट की सह-लेखक लिंडा मर्न्स ने कहा, “इस बात की गारंटी है कि चीजें और बिगड़ने जा रही हैं।’’

अंतर सरकारी समिति (आईपीसीसी) की रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन को पूर्णत: मानव निर्मित और “स्पष्ट” करार देती है। यह रिपोर्ट पिछली बार 2013 में जारी रिपोर्ट की तुलना में 21वीं सदी के लिए ज्यादा सटीक पूर्वानुमान व्यक्त करती है।

वर्ष 2015 में पेरिस जलवायु समझौते पर करीब 200 देशों ने हस्ताक्षर किए थे और इसमें विश्व के नेताओं ने सहमति व्यक्त की थी कि वैश्विक तापमान में वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस (3.6 डिग्री फारेनहाइट) से कम रखना है और वह पूर्व औद्योगिक युग की तुलना में सदी के अंत तक 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 फारेनहाइट) से अधिक नहीं हो क्योंकि इसके बाद समस्या तेजी से बढ़ती है। पिछली डेढ़ सदी में दुनिया पहले ही लगभग 1.1 डिग्री सेल्सियस (दो डिग्री फारेनहाइट) गर्म हो चुकी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी सूरत में दुनिया 2030 के दशक में 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान वृद्धि के आंकड़े को पार कर लेगी जो पुराने पूर्वानुमानों से काफी पहले है। आंकड़े दर्शाते हैं कि हाल के वर्षों में तापमान बढ़ा है।

यूनिवर्सिटी ऑफ पेरिस-सेकले में फ्रांस की लैबोरेटरी ऑफ क्लाइमेट एंड एनवायरमेंटल साइंसेज के जलवायु विज्ञानी व रिपोर्ट के सह-प्रमुख वालेरी मेसन डेलमोट्टे ने कहा, “हमारी रिपोर्ट दिखाती है कि हमें आने वाले दशकों में तापमान के स्तर तक जाने के लिए तैयार रहने की जरूरत होगी। हालांकि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन पर काम करके हम तापमान के स्तर को और बढ़ने से रोक सकते हैं।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन परिदृश्यों में, दुनिया के दो डिग्री सेल्सियस (3.6 डिग्री फारेनहाइट) तापमान वृद्धि के औद्योगिक काल के पूर्व के समय से ऊपर जाने की आशंका है- दूसरे कारण, कम कठोर पेरिस लक्ष्य- बेहद व्यापक लू के थपेड़ों के साथ, सूखे और भारी बारिश की वजह से बाढ़ आदि हैं, “जब तक कि आगामी दशक में होने वाले कॉर्बन डाई ऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में बहुत व्यापक रूप से कमी न की जाए।”

यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के वरिष्ठ जलवायु सलाहकार और आईपीसीसी के उपाध्यक्ष को. बेर्रेट ने कहा, “रिपोर्ट हमें बताती है कि जलवायु में हाल के समय में हुए बदलाव व्यापक, त्वरित, गहन हैं और हजारों वर्षों में अभूतपूर्व हैं। हम जिन बदलावों का अनुभव कर रहे हैं, वे तापमान के साथ और बढ़ेंगे।”

तीन हजार से अधिक पृष्ठों की इस रिपोर्ट को 234 वैज्ञानिकों ने तैयार किया है।

इसमें कहा गया है कि तापमान वृद्धि से समुद्र स्तर बढ़ रहा है, बर्फ का दायरा सिकुड़ रहा है तथा प्रचंड लू, सूखा, बाढ़ और तूफान की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऊष्णकटिबंधीय चक्रवात और मजबूत तथा अधिक बारिश वाले हो रहे हैं जबकि आर्कटिक सागर में गर्मियों में बर्फ पिघल रही है और इस क्षेत्र में हमेशा जमी रहने वाली बर्फ का दायरा घट रहा है। ये सभी चीजें और खराब होती जाएंगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उदाहरण के लिए जिस तरह की प्रचंड लू पहले प्रत्येक 50 साल में एक बार आती थी, अब वह हर दशक में एक बार आ रही है तथा अगर दुनिया का तापमान एक और डिग्री सेल्सियस (1.8 डिग्री फारेनहाइट) और बढ़ जाता है तो ऐसा प्रत्येक सात साल में एक बार होने लग जाएगा।

इसमें कहा गया है कि जैसे-जैसे ग्रह का तापमान बढ़ेगा तो पृथ्वी पर न सिर्फ बेहद विपरीत मौसमी गतिविधियों की मार पड़ेगी, बल्कि एक साथ कई जलवायु आपदाओं का भी सामना करना पड़ेगा। मर्न्स का कहना है कि यह वैसा ही है जैसा अभी पश्चिमी अमेरिका सामना कर रहा है जहां लू, सूखा और जंगल में आग एक साथ मिलकर नुकसान और परेशानी दोनों को बढ़ा रहे हैं। यूनान और तुर्की में भी भीषण गर्मी के कारण व्यापक पैमाने पर आग लगने की घटनाएं हुई हैं।

ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर 100 से अधिक देशों ने सदी के मध्य तक कार्बन उत्सर्जन का स्तर ‘‘शून्य’’ करने का अनौपचारिक संकल्प लिया है जो स्कॉटलैंड में चर्चा का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि धरती की रक्षा के लिए इस तरह की प्रतिबद्धताएं आवश्यक हैं।

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Web Title: UN scientists warn about worsening situation due to global warming

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