(अदिति खन्ना)
लंदन, पांच दिसंबर ब्रिटेन में विभिन्न दलों के 36 सांसदों के एक समूह ने विदेश मंत्री डॉमिनिक राब को एक पत्र लिख कर उनसे कहा है कि भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का ब्रिटिश पंजाबी लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में वह अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को अवगत कराएं।
किसानों के आंदोलन के बारे में विदेशी नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने कहा है कि ऐसी टिप्पणियों भ्रामक सूचनाओं पर आधारित हैं तथा इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं क्योंकि यह मामला एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित है।
यह पत्र शुक्रवार को जारी किया गया और इसे लेबर पार्टी के सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने तैयार किया है।
इस पर भारतीय मूल के कई सांसदों के हस्ताक्षर हैं।
इन नेताओं में वीरेंद्र शर्मा, सीमा मल्होत्रा और वेलेरी वाज़ के साथ ही जेरेमी कॉर्बिन भी शामिल हैं।
विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने कहा है कि विभाग को अभी तक यह पत्र नहीं मिला है।
एफसीडीओ के एक प्रवक्ता ने कहा, “विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए पुलिस का प्रयोग भारत सरकार का मामला है।”
सांसदों के इस पत्र में मंत्री से आग्रह किया गया है कि वह "पंजाब में बिगड़ती स्थिति" पर चर्चा करने के लिए उनके साथ तत्काल बैठक करें।
इसके साथ ही पत्र में, इस मुद्दे पर एफसीडीओ की भारत सरकार के साथ हुए किसी भी संवाद के बारे में अद्यतन जानकारी देने की मांग की गई है।
पत्र में कहा गया है कि यह ब्रिटेन में सिखों और पंजाब से जुड़े लोगों के लिए विशेष रूप से चिंता का विषय है, हालांकि अन्य भारतीय राज्यों पर भी इसका खासा प्रभाव पड़ता है।
पत्र में कहा गया है कि कई ब्रिटिश सिखों और पंजाबी लोगों ने अपने सांसदों के समक्ष इस मामले को उठाया है, क्योंकि वे पंजाब में परिवार के सदस्यों और पैतृक भूमि से सीधे प्रभावित हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।