म्यांमा में तख्तापलट के दो महीने, नहीं रूक पाई है हिंसा
By भाषा | Updated: April 1, 2021 22:56 IST2021-04-01T22:56:03+5:302021-04-01T22:56:03+5:30

म्यांमा में तख्तापलट के दो महीने, नहीं रूक पाई है हिंसा
यांगून, एक अप्रैल (एपी) म्यांमा में सेना द्वारा तख्तापलट के दो महीने होने पर विभिन्न शहरों में लोगों ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया और लोकतंत्र को बहाल करने तथा हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने की मांग की।
म्यांमा में एक फरवरी को तख्तापलट के बाद सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की है। पश्चिमी देशों द्वारा सैन्य शासन के खिलाफ पाबंदी के बावजूद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गोलीबारी की घटनाएं जारी हैं।
देश के सबसे बड़े शहर यांगून में सूर्योदय के तुरंत बाद युवाओं के एक समूह ने प्रदर्शन में मारे गए 500 से ज्यादा लोगों की याद में शोक गीत गाए। इसके बाद उन्होंने जुंटा शासन के खिलाफ नारेबाजी की और अपदस्थ नेता आंग सान सू ची को रिहा करने तथा लोकतंत्र को बहाल करने की मांग करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया।
मांडले तथा अन्य शहरों में भी प्रदर्शनकारी एकत्र हुए।
इससे पहले पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की और प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी। यांगून में सेना की निवेश इकाई ‘म्यांमा इकॉनोमिक होल्डिंग लिमिटेड’ की कुछ दुकानों में आग लगा दी गयी। प्रदर्शन के शुरुआती दिनों से ही इन दुकानों को निशाना बनाया गया है।
करिन प्रांत के कई इलाकों में शनिवार से दर्जनों नागरिकों के मारे जाने और 20,000 से ज्यादा लोगों के विस्थापित होने की भी सूचना मिली है। इलाके में राहत अभियान चलाने वाली संस्था ‘फ्री बर्मा रेंजर्स’ ने इस बारे में बताया।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक करिन की सोने की खदान में हवाई हमले में मंगलवार को 11 लोग मारे गए।
म्यांमा के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीने स्क्रेनर बर्गेनर ने बुधवार को आगाह किया कि देश में गृह युद्ध का खतरा मंडरा रहा है । उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से लोकतंत्र बहाल करने के लिए ठोस कार्रवाई की संभावना पर विचार करने को कहा।
विभिन्न शहरों में प्रदर्शनकारियों ने 2008 के संविधान की प्रतियां जलायी। मांडले में भी प्रदर्शनकारी संविधान की प्रतियों को जलाने के लिए एकत्र हुए।
म्यांमा में पद से हटाए गए सांसदों समेत विपक्षी समूह ने सेना के निर्देश के तहत 2008 में देश के घोषित संविधान को बुधवार को अमान्य बताया।
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