तुर्की ने नरसंहार की घोषणा पर अमेरिकी राजदूत को तलब किया
By भाषा | Updated: April 25, 2021 19:31 IST2021-04-25T19:31:21+5:302021-04-25T19:31:21+5:30

तुर्की ने नरसंहार की घोषणा पर अमेरिकी राजदूत को तलब किया
इस्तांबुल, 25 अप्रैल (एपी) तुर्की के विदेश मंत्रालय ने उस्मानिया साम्राज्य के दौरान आर्मेनियाई लोगों को देश से निकाले जाने और उनकी हत्या संबंधी घटनाओं को ‘नरसंहार’ करार देने के अमेरिका के फैसले का विरोध करने के लिए अंकारा में अमेरिकी राजदूत को तलब किया है।
तुर्की के विदेश उपमंत्री सेदात ओनल ने शनिवार देर रात अमेरिकी राजदूत डेविड सैटरफील्ड से मुलाकात करके तुर्की की कड़ी निंदा से अवगत कराया।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस बयान का अंतरराष्ट्रीय कानून के लिहाज से कोई वैध आधार नहीं है और इसने तुर्की के लोगों को आहत किया है, इसने ऐसे जख्म को कुरेद दिया है, जो हमारे रिश्तों के लिए नासूर जैसा है।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान किए गए अपने उस वादे को शनिवार को पूरा किया, जिसके तहत 1915 में इन घटनाओं में करीब 15 लाख उस्मानियाई आर्मेनियाई लोगों के मारे जाने को नरसंहार करार देने को कहा गया था।
बयान में कहा गया है कि इसे बहुत ध्यान से तैयार किया गया जिसमें कहा गया कि उस्मेनियाई साम्राज्य में देश निकाला और नरसंहार किया गया।
बयान में कहा गया, ‘‘हमने वह दर्द महसूस किया है। हम इतिहास की पुन: पुष्टि करते हैं। हमने ऐसा दोष लगाने के लिए नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए किया है कि जो हुआ वह कभी दोहराया न जाए।’’
व्हाइट हाउस की उद्घोषणा के तुरंत बाद तुर्की के अधिकारियों ने इसकी निंदा करते हुए बयान जारी किये। हालांकि तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
तुर्की ने ‘नरसंहार’ शब्द के उपयोग को खारिज करते हुए कहा कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान तुर्क और आर्मेनियाई दोनों मारे गए थे और उसने एक संयुक्त इतिहास आयोग से जांच का आह्वान किया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।