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भारत-बांग्ला सीमा पर तस्करी को पूरी तरह नहीं रोका जा सकता, दोनों देशों की सेनाओं के लिए है बड़ी चुनौती

By भाषा | Updated: July 16, 2019 15:13 IST

पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 11 जुलाई को मवेशी-तस्करों के बम हमले में बीएसएफ का एक जवान अपना एक हाथ गंवा बैठा था और वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।

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बांग्लादेश के सीमा बल ने कहा है कि भारत-बांग्ला सीमा पर सीमा पार तस्करी को पूरी तरह नहीं रोका जा सकता है। पड़ोसी देश के इस सुरक्षा संगठन ने समस्या से निपटने के लिए भारत के सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) से व्यापक सहयोग मांगा। मवेशियों, दवाओं, मादक पदार्थों, चमड़े और हथियारों की तस्करी बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के लिए एक बड़ी चुनौती रही है।पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 11 जुलाई को मवेशी-तस्करों के बम हमले में बीएसएफ का एक जवान अपना एक हाथ गंवा बैठा था और वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस संबंध में एक अधिकारी ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि भारत के मवेशी तस्कर जब सीमा पार कर बांग्लादेश पहुंचते हैं तो उन्हें व्यापारी समझा जाता है। उसके बाद उन्हें बस अधिकारियों को प्रति मवेशी 500 रूपये देना होता है और फिर वे जिसे चाहे, उसे मवेशी बेचने को स्वतंत्र होते हैं।अधिकारी ने कहा, ‘‘ चूंकि बांग्लादेश में मवेशियों की भारी मांग है, अतएव तस्कर सीमापार कर पड़ोसी देश में पहुंचने का कोई मौका नहीं चूकते जहां वे खूब पैसा कमाते हैं। मांग और आपूर्ति की इस श्रृंखला को तोड़ना होगा।’’ उन्होंने बताया कि ये अपराधी सीमा पर तैनात बीएसएफ अधिकारियों पर अक्सर गोली भी चला देते हैं जिससे वे मारे जाते हैं या घायल हो जाते हैं।पिछले महीने ढाका में बीएसएफ और बीजीबी के बीच महानिदेशक स्तर की 48 वीं दिवार्षिक बैठक हुई जिसमें 4096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्ला सीमा पर अपराध तथा मवेशियों एवं मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया। उस बैठक में बीएसएफ और बीजीबी ने सीमा पर हत्या की घटनाएं भी घटाने के लिए संयुक्त प्रयास करने का फैसला किया।बीएसफ का कहना है कि वह तभी गोली चलाता है जब स्थिति विकट रूप ले लेती है और उसके जवानों की जान खतरे में पड़ जाती है। बीएसएफ और बीजीबी के बीच व्यापक सहयोग का आह्वान करते हुए बांग्लादेश के उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र के कमांडर जलाल गनी ने कहा कि सीमाप्रबंधन के कई सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं लेकिन अब भी काफी कुछ करना है।उन्होंने भारत से आये मीडिया प्रतिनिधिमंडल से कहा, ‘‘ तस्कर गरीब लोग हैं। अपनी आजीविका के लिए वे तस्करी करते हैं न कि शानदार जीवन जीने के लिए। जहां तक उन्हें मारने की बात है तो हमें अपने अपने देश के कानून का पालन करना चाहिए,। हत्या कोई हल नहीं है।’’ 

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