शीर्ष अमेरिकी सैन्य नेतृत्व ने बलों को अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा याद दिलाई

By भाषा | Updated: January 13, 2021 10:19 IST2021-01-13T10:19:28+5:302021-01-13T10:19:28+5:30

Top US military leadership reminds forces the limits of freedom of expression | शीर्ष अमेरिकी सैन्य नेतृत्व ने बलों को अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा याद दिलाई

शीर्ष अमेरिकी सैन्य नेतृत्व ने बलों को अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा याद दिलाई

वाशिंगटन,13 जनवरी (एपी) अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर हिंसा होने की आशंका के बीच शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने सभी सैन्यकर्मियों को ज्ञापन भेजकर कहा है कि कैपिटल (संसद भवन) पर पिछले सप्ताह हुआ घातक हमला लोकतंत्र विरोधी और आपराधिक कृत्य था तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी को भी हिंसा का अधिकार नहीं देती।

‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ के सभी सदस्यों ने मंगलवार को जारी इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सैन्यकर्मियों से कहा गया है कि बाइडन को अगला राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया है और वह 20 जनवरी को शपथ लेंगे।

‘ज्वाइंट चीफ्स’ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले समेत सैन्य नेतृत्व का इस प्रकार ज्ञापन जारी करके सैन्य कर्मियों को यह याद दिलाने पर मजबूर होना साधारण बात नहीं है कि संवैधानिक प्रक्रिया को बाधित करना गलत है।

ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘हमने कैपिटल में कानून के शासन के विपरीत कदमों को देखा।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘अभिव्यक्ति और एकत्र होने की आजादी किसी को हिंसा और राजद्रोह करने का अधिकार नहीं देती।’’

ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘सैन्य कर्मियों के तौर पर हमें देश के मूल्यों एवं आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए। हम संविधान को समर्थन देते हैं और उसकी रक्षा करते हैं। संवैधानिक प्रक्रिया को बाधित करने का कोई भी कृत्य केवल हमारी परंपराओं, मूल्यों एवं शपथ के ही विपरीत नहीं है, बल्कि यह कानून के भी विरुद्ध है।

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Web Title: Top US military leadership reminds forces the limits of freedom of expression

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