तेहरान, 11 नवंबर (एपी) अफगानिस्तान से हजारों लोग भागकर रोजाना पड़ोसी देश ईरान में शरण ले रहे हैं और यह एक ऐसी स्थिति है, जिससे यूरोप में शरणार्थी संकट का मुद्दा गहराएगा। मानवीय सहायता प्रदान करने वाले एक संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल (एनआरसी) के महासचिव जेन इगलैंड ने इस सप्ताह अफगानिस्तान की सीमा से लगे पूर्वी ईरान के करमान प्रांत के समीप शरणार्थियों से मुलाकात की। उन्होंने आगाह किया है कि अगर अफगानिस्तान से शरण की तलाश में लोग भागकर ईरान आते रहे तो इससे यूरोप प्रभावित हो सकता है।
बुधवार को अपने दौरे के अंतिम दिन इगलैंड ने तेहरान में एजेंसी से बातचीत में कहा कि तालिबान के शासन के बाद अफगानिस्तान से भाग रहे लोगों को उम्मीद, भोजन और देखभाल प्रदान करने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कई अफगान शणार्थियों ने अपने रिश्तेदारों से कहा है कि वे ईरान जा रहे हैं।
काबुल पर 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद व्यापक स्तर पर लोगों को हवाई मार्ग से बाहर निकालने का अभियान शुरू हुआ था और 1,20,000 अमेरिकी, अफगान और अन्य लोग अफगानिस्तान से बाहर निकाले गए लेकिन फिर भी हजारों की संख्या में लोग छूट गए जिनमें से कई सीमाई इलाकों की तरफ चले गए और सहायता प्रदान करनेवाली एजेसियों से मदद मांग रहे हैं।
एनआरसी के अनुसार तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से 3,00,000 अफगान भागकर ईरान आए हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में सर्दी का मौसम शुरू हो रहा है और शरणार्थियों को आश्रय देने के लिए वहां उपयुक्त व्यवस्था नहीं है, ऐसे में और अधिक संख्या में लोगों के शरण तलाशते हुए ईरान आने की आशंका है। उन्होंने धनवान देशों से सर्दी के मौसम से पहले अफगानिस्तान और ईरान जैसे पड़ोसी देशों में तत्काल सहायता को बढ़ाने की अपील की है।
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