लाइव न्यूज़ :

अर्मेनिया के साथ जारी जंग के बीच अजरबैजान के राष्ट्रपति ने मध्यस्थों की आलोचना की, बोले- 30 साल नहीं कर सकता इंतजार, अभी चाहिए निदान

By भाषा | Updated: October 3, 2020 21:42 IST

अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहम अलियेव ने विवादित क्षेत्र में मध्यस्थता करने का प्रयास कर रहे ‘‘ऑर्गेनाइजेशन फॉर सिक्युरिटी ऐंड कॉपरेशन इन यूरोप’’ के तथाकथित ‘‘मिन्स्क ग्रुप’’ की आलोचना की है।

Open in App
ठळक मुद्देअजरबैजान के राष्ट्रपति इलहम अलियेव ने कहा कि वर्तमान में जारी लड़ाई का एक कारण यह है कि ‘‘मध्यस्थों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिए दबाव नहीं बनाया।’’अजरबैजान के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अगले 30 वर्ष तक इंतजार करने का वक्त नहीं है, संघर्ष का समाधान अभी निकलना चाहिए।’’

बाकू: अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच अलगाववादी क्षेत्र नागोरनो-काराबाख को लेकर विवाद के कारण छिड़ी भीषण लड़ाई शनिवार को भी जारी रही। इस बीच, अजरबैजान के राष्ट्रपति ने विवाद का दशकों से समाधन निकालने का प्रयास कर रहे अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों की आलोचना की।

विवादित क्षेत्र अजरबैजान की सीमा में आता है, लेकिन यहां पर अर्मेनिया समर्थित जातीय स्थानीय बलों का कब्जा है। इस क्षेत्र पर अधिकार को लेकर 27 सितंबर को लड़ाई शुरू हुई थी। अल-जजीरा को दिए साक्षात्कार में अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहम अलियेव ने विवादित क्षेत्र में मध्यस्थता करने का प्रयास कर रहे ‘‘ऑर्गेनाइजेशन फॉर सिक्युरिटी ऐंड कॉपरेशन इन यूरोप’’ के तथाकथित ‘‘मिन्स्क ग्रुप’’ की आलोचना करते हुए कहा कि वर्तमान में जारी लड़ाई का एक कारण यह है कि ‘‘मध्यस्थों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिए दबाव नहीं बनाया’’।

उन्होंने कहा, ‘‘अगले 30 वर्ष तक इंतजार करने का वक्त नहीं है, संघर्ष का समाधान अभी निकलना चाहिए।’’ अर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता शुशान स्टेपनियन ने एपी को बताया, ‘‘पूरे अग्रिम मोर्चे पर भीषण लड़ाई चल रही है’’। उन्होंने दावा किया कि अर्मेनिया के बलों ने तीन विमानों को मार गिराया है।

अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने विमानों को मार गिराने के दावे के बारे में कुछ नहीं कहा, हालांकि यह जरूर बताया कि अर्मेनिया के बलों ने टेरटर शहर समेत अजरबैजान के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया है। नागोरनो-काराबाख के अधिकारियों ने कहा कि अब तक उनकी ओर के 150 से अधिक सैनिक मारे गए हैं।

अजरबैजान के अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि कितने सैनिक मारे गए हैं हालांकि यह जानकारी दी कि 19 आम आदमी मारे गए हैं और 55 से अधिक लोग घायल हैं। इससे पहले, 1992 में बड़े पैमाने पर युद्ध शुरू हुआ था, जिसमें करीब 30,000 लोग मारे गए थे। युद्ध 1994 में खत्म हुआ था।  

टॅग्स :संयुक्त राष्ट्रतुर्कीअमेरिकारूस
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?