वाशिंगटन, 31 मार्च नए अध्ययन से पता चला है कि जो लोग कोरोना वायरस के नए स्वरूप आने से पहले कोविड-19 महामारी की चपेट में आने के बाद ठीक हो चुके हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता की टी कोशिकाएं विषाणु के ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में मिले स्वरूपों को अब भी पहचान सकती हैं।
पत्रिका ‘ओपन फोरम इन्फेक्शियस डिज़ीज़’ में प्रकाशित अध्ययन के परिणाम में वैज्ञानिकों ने ऐसे 30 लोगों के नमूनों का विश्लेषण किया जो कोरोना वायरस के नए स्वरूप सामने आने से पहले कोविड-19 से उबर चुके थे।
वैज्ञानिकों को इस विश्लेषण में पता चला कि जो लोग कोरोना वायरस के नए स्वरूप आने से पहले कोविड-19 महामारी की चपेट में आने के बाद ठीक हो चुके हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता की टी कोशिकाएं विषाणु के ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में मिले स्वरूपों को अब भी पहचान सकती हैं।
अध्ययन में अमेरिका के हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ता भी शामिल थे।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि अध्ययन के परिणामों पर ठोस मुहर के लिए आगे और अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है जिसमें ज्यादा लोग शामिल हों।
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