स्विस बैंक के खाताधारकों पर सख्ती बढ़ी, कम से कम 50 भारतीयों को दी जा रही है नोटिस

By भाषा | Updated: June 16, 2019 23:36 IST2019-06-16T23:36:09+5:302019-06-16T23:36:09+5:30

पिछले कुछ सप्ताह के दौरान भारत से संबंधित मामलों में सूचनाओं के आदान प्रदान की प्रक्रिया में अधिक तेजी आयी है। भारत में कालेधन का मामला राजनीतिक तौर पर संवेदनशील है। स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने मार्च से अब तक कम से कम 50 भारतीय खाताधारकों को नोटिस जारी कर उनकी सूचना भारत सरकार को देने से पहले उन्हें उसके खिलाफ अपील का एक अंतिम मौका दिया है।

Swiss bank's account holders have been strictly advised, at least 50 Indians are being given notice | स्विस बैंक के खाताधारकों पर सख्ती बढ़ी, कम से कम 50 भारतीयों को दी जा रही है नोटिस

स्विस बैंक के खाताधारकों पर सख्ती बढ़ी, कम से कम 50 भारतीयों को दी जा रही है नोटिस

स्विट्जरलैंड के बैंकों में अघोषित खाते रखने वाले भारतीयों के खिलाफ दोनों देशों की सरकारों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है स्विट्जरलैंड के अधिकारी इस सिलसिले में कम से कम 50 भारतीय लोगों की बैंक संबंधी सूचनाएं भारतीय अधिकारियों को सौंपने की प्रक्रिया में लगे हैं। ऐसे लोगों में ज्यादातर जमीन-जायदाद , वित्तीय सेवा, प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, पेंट, घरेलू साज-सज्जा, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के कारोबार से जुड़े कारोबारी और कंपनियां शामिल हैं।

इनमें से कुछ डमी कंपनियां भी हो सकती हैं। यह जानकारी दोनों देशों के बीच आपसी प्रशासनिक सहायता की प्रक्रिया में शमिल अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। स्विट्जरलैंड की सरकार कर चोरों की पनाहगाह की अपने देश की छवि को बदलने के लिए कुछ वर्षों से कई सुधार किए हैं। वह इस समबंध में समझौते के तहत विभिन्न देशों के साथ संदिग्ध व्यक्तियों संबंधी बैंकिंग सूचनाओं को साझा करने में की व्यवस्था में जुड़ गयी है।

स्विट्जररलैंड ने हल में कुछ देशों के साथ सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। पिछले कुछ सप्ताह के दौरान भारत से संबंधित मामलों में सूचनाओं के आदान प्रदान की प्रक्रिया में अधिक तेजी आयी है। भारत में कालेधन का मामला राजनीतिक तौर पर संवेदनशील है। स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने मार्च से अब तक कम से कम 50 भारतीय खाताधारकों को नोटिस जारी कर उनकी सूचना भारत सरकार को देने से पहले उन्हें उसके खिलाफ अपील का एक अंतिम मौका दिया है।

स्विटजरलैंड उसके बैंकों में खाते रखने वाले ग्राहकों की गोपनीयता बनाये रखने को लेकर एक बड़े वैश्विक वित्तीय केन्द्र के रूप में जाना जाता रहा है। लेकिन कर चोरी के मामले में वैश्विक स्तर पर समझौते के बाद गोपनीयता की यह दीवार अब नहीं रही। खाताधारकों की सूचनाओं को साझा करने को लेकर भारत सरकार के साथ उसने समझौता किया है। अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते किये गये हैं।

स्विट्जरलैंड सरकार ने गजट के द्वारा जारी सार्वजनिक की गयी जानकारियों में उपभोक्ताओं का पूरा नाम न बताकर सिर्फ नाम के शुरुआती अक्षर बताये हैं। इसके अलावा उपभोक्ता की राष्ट्रीयता और जन्म तिथि का जिक्र किया गया है। गजट के अनुसार, सिर्फ 21 मई को 11 भारतीयों को नोटिस जारी किये गये हैं। जिन दो भारतीयों का पूरा नाम बताया गया है उनमें मई 1949 में पैदा हुए कृष्ण भगवान रामचंद और सितंबर 1972 में पैदा हुए कल्पेश हर्षद किनारीवाला शामिल हैं।

हालांकि, इनके बारे में अन्य जानकारियों का खुलासा नहीं किया गया है। अन्य नामों में जिनके शुरुआती अक्षर बताये गये हैं उनमें 24 नवंबर 1944 को पैदा हुए एएसबीके, नौ जुलाई 1944 को पैदा हुए एबीकेआई, दो नवंबर 1983 को पैदा हुई श्रीमती पीएएस, 22 नवंबर 1973 को पैदा हुई श्रीमती आरएएस, 27 नवंबर 1944 को पैदा हुए एपीएस, 14 अगस्त 1949 को पैदा हुई श्रीमती एडीएस, 20 मई 1935 को पैदा हुए एमएलए, 21 फरवरी 1968 को पैदा हुए एनएमए और 27 जून 1973 को पैदा हुए एमएमए शामिल हैं। इन नोटिसों में कहा गया है कि संबंधित ग्राहक या उनका कोई प्राधिकृत प्रतिनिधि आवश्यक दस्तावेजी सबूतों के साथ 30 दिनों के भीतर अपील करने के लिये उपस्थित हों। 

Web Title: Swiss bank's account holders have been strictly advised, at least 50 Indians are being given notice

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