नई दिल्ली, 29 सितंबर: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 73वें सत्र में शनिवार को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संबोधित किया। उन्होंने यहां, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना और जन-धन योजना को क्रांतिकारी बताया है। उन्होंने कहा यह विश्व का सबसे बड़ा हेल्थ केयर योजना है। संबोधन में आतंकवाद के मुद्दे को सुषमा स्वराज ने प्रमुखता से उठाया है। यहां सुषमा ने हिंदी में संबोधित किया। संयुक्त राष्ट्र संघ में सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी चुनौती है।
सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान मरने वालों की पैरवी करता है। सुषमा स्वराज ने कहा, अगर गरीबी का उन्मूलन करना है तो महिलाओं को महत्व देना होगा। सुषमा ने कहा, संयुक्त राष्ट्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए चैंपियन ऑफ दे अर्थ के सम्मान से नवाजा है।
आंतकवाद के वातावरण के बीच बातचीत मुमकिन नहीं
सुषमा स्वराज ने इंडोनेशिया में आई प्राकृतिक आपदा पर मदद का आश्वासन दिया और संवेदना जाहिर की है। सुषमा स्वराज ने कहा, पाकिस्तान से भारत तो आंतकियों को लेकर खतरा है। मुझे खुशी है कि विश्व के लोगों ने पाक का असली चेहरा पहचान लिया है। हमने हर बार पाक से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की है। लेकिन पाक हमेशा ही अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है। हर बार पाक हमारे देश के जवानों को मारते हैं। हमारे बेगुनाह लोगों को मारते हैं, ऐसे में बातचीत कहां से हो पाएगा। आतंकियों का साथ देना पाकिस्तान की आदत बन गई है। 9/11 का दोषी तो मारा गया लेकिन 26/11 का दोषी आज तक जिंदा है।
आतंकवाद का राक्षस बढ़ रहा है
पाकिस्तान में नई सरकार आने के बाद पीएम इमरान खान ने पीएम मोदी को पत्र लिख कर कहा था कि हम न्यूयोर्क में मिलकर आतंक के मुद्दे पर बात करेंगे लेकिन उसके एक दिन बाद ही कश्मीर में हमारे जवानों को मार गिराया गया। विश्व के ईमानी आतंकी पाक में देशभक्ति कह जाते हैं। वह वहां खुलेआम घुमते हैं।
पड़ोसी देश से आतंक का खतरा
सुषमा ने कहा, 'पाकिस्तान का चेहरा पूरी दुनिया ने पहचान लिया है, हर बार पाकिस्तान की वजह से ही दोनों देशों के बीच वार्ता में दिक्कत आई है, आतंकी हाफिज सईद आज भी पाकिस्तान में खुला घूम रहा है। भारत के लिए सबसे दुख की बात यह है कि पड़ोसी देश से आतंकवाद की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।'
संयुक्त राष्ट्र में सुधार का दिया सुझाव
सुषमा ने संयुक्त राष्ट्र में कुछ सुधान करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र ने अपने आप में कुछ बदलाव नहीं किए तो आने वाले वक्त में ये अपनी गरिमा खो देगा। सुषमा ने यूएन को आतंकवाद और आतंकवादी की परिभाषा जल्द से जल्द तय करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, अगर संयुक्त राष्ट्र मैं, मेरा-तुम्हारा की जगह हमारा हो जाए तो ज्यादा बेहतर होगा।