सुप्रीम कोर्ट का पर्ल हत्याकांड के मुख्य आरोपी को सरकारी रेस्ट हाउस भेजने का आदेश

By भाषा | Updated: February 2, 2021 17:39 IST2021-02-02T17:39:22+5:302021-02-02T17:39:22+5:30

Supreme Court order to send main accused of Pearl murder case to government rest house | सुप्रीम कोर्ट का पर्ल हत्याकांड के मुख्य आरोपी को सरकारी रेस्ट हाउस भेजने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट का पर्ल हत्याकांड के मुख्य आरोपी को सरकारी रेस्ट हाउस भेजने का आदेश

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, दो फरवरी पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में मुख्य आरोपी एवं ब्रिटिश मूल के अलकायदा आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख को मौत की सजा का सामना करने वाले आरोपियों की कोठरी से निकाल कर एक सरकारी ‘रेस्ट हाउस’ भेजने का मंगलवार को आदेश दिया।

अधिकारियों ने बताया कि न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने आदेश दिया कि शेख (46) को दो दिनों के लिए सामान्य बैरक में भेजा जाए, जिसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा में एक सरकारी रेस्ट हाउस में भेजा जाना चाहिए, जहां उसके परिवार के सदस्य उससे सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मुलाकात कर सकते हैं।

हालांकि, उसे मोबाइल फोन या इंटरनेट का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी। सरकार उसके परिवार के ठहरने और यात्रा का खर्च उठाएगी।

न्यायालय ने कहा कि शेख पहरेदारी में रहेगा और उसे उस स्थान से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी, जहां उसे रखा जाएगा।

हालांकि, शीर्ष न्यायालय ने आरोपी को बरी किये जाने के सिंध उच्च न्यायालय के फैसले को निलंबित करने की सरकार की अपील फिर से खारिज कर दी और उससे (सरकार से) उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने को कहा।

पर्ल (38) ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख थे। वह 2002 में एक खबर के सिलसिले में जब पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठन अलकायदा के बीच संबंधों के बारे में इस देश में जानकारी जुटा रहे थे, उसी दौरान उनका अपहरण कर लिया गया था और उनका सिर कलम कर दिया गया था।

अप्रैल 2020 में सिंध उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ ने शेख की मौत की सजा को घटा कर सात साल की कैद में तब्दील कर दिया था। अदालत ने उसके तीन सहयोगियों को भी बरी कर दिया था, जो मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे थे। इन आरोपियों को दोषी करार दिये जाने और कैद की सजा सुनाये जाने के करीब दो दशक बाद उच्च न्ययालय ने यह आदेश जारी किया था।

सिंध सरकार और पर्ल के परिवार ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष न्यायालय में याचिकाएं दायर की थी।

उच्चतम न्यायालय ने शेख को बरी किये जाने के फैसले के खिलाफ उनकी अपीलें बृहस्पतिवार को खारिज कर दी और उसकी रिहाई का आदेश जारी किया था। हालांकि, इस फैसले की अमेरिकी पत्रकार के परिवार ने निंदा करते हुए इसे न्याय का उपहास करार दिया था।

अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि पर्ल की हत्या में संलिप्त लोगों को दंडित किया जाए।

सिंध सरकार ने शेख और उसके तीन अन्य सहयोगियेां को बरी किये जाने के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को शीर्ष न्यायालय में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।

शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को शेख और उसके तीन अन्य सहयोगियों--फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिद--की रिहाई को निलंबित करने के सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया था। लेकिन मामले पर सरकार के पक्ष को सुनने के लिए अंतरिम हिरासत आदेश को एक दिन के लिए विस्तारित कर दिया था।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के अटार्नी जनरल ने न्यायालय से कहा कि शेख कोई साधारण आरोपी नहीं है बल्कि आतंकवादियों का मास्टरमाइंड है और यदि उसे रिहा किया गया तो वह लापता हो जाएगा, जिसपर न्यायमूर्ति बंदियाल ने उनसे कहा कि यह साबित हो गया है कि शेख आतंकी गतिविधियों में संलिप्त था।

वहीं न्यायमूर्ति मुनिब अख्तर ने कहा कि यह अंधकार युग नहीं है कि आरोपी को 18 साल कैद में रहने के बाद भी जेल में रहना चाहिए।

इसके बाद , शीर्ष न्यायालय ने शेख को मौत की सजा के आरोपियों की कोठरी से फौरन हटाने का आदेश दिया। न्यायालय ने मामले को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।

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Web Title: Supreme Court order to send main accused of Pearl murder case to government rest house

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