Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में ईंधन की कीमतें आसमान पर, भारत ने की फिर की मदद, 40000 टन डीजल की एक और खेप भेजी, जानें हालात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 21, 2022 18:03 IST2022-04-21T18:01:19+5:302022-04-21T18:03:03+5:30
Sri Lanka Crisis: भारत और श्रीलंका ने दो फरवरी, 2022 को पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

भारत ने दो अप्रैल को श्रीलंका को 40,000 टन डीजल भेजा था।
Sri Lanka Crisis: भारत ने श्रीलंका में बिजली संकट से निपटने में मदद के लिए ऋण सुविधा के तहत 40000 टन डीजल की एक और खेप भेजी है। भारतीय उच्चायोग ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि पिछले दो महीने में भारत ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को कई प्रकार का 4,00,000 टन ईंधन भेजा है।
उच्चायोग ने कहा कि भारतीय ऋण सुविधा के तहत 40,000 टन डीजल बुधवार को श्रीलंका पहुंचा। इससे पहले भारत ने दो अप्रैल को श्रीलंका को 40,000 टन डीजल भेजा था। यह भारतीय ऋण सुविधा के तहत श्रीलंका को भेजी गई ईंधन की चौथी खेप है।
श्रीलंका में खुले स्थानों पर मास्क लगाना फिर अनिवार्य किया गया
श्रीलंका सरकार ने खुले स्थानों पर मास्क लगाने को बृहस्पतिवार को एक बार फिर से अनिवार्य कर दिया। इससे दो दिन पहले ही सरकार ने खुले सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने की अनिवार्यता खत्म कर दी थी, लेकिन बंद स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में मास्क लगाना जरूरी था।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ ए गुणावर्धना ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य मंत्री चन्नी जयसुमना की ओर से सोमवार को घोषित की गई छूट को अस्थायी रूप से स्थगित किया जाता है। उन्होंने कहा कि देश में हो रही बड़ी सार्वजनिक सभाओं को ध्यान में रखते हुए, खुले स्थानों पर मास्क लगाने की अनिवार्यता खत्म करने वाली घोषणा पर अस्थायी रोक लगाई जाती है और पहले की तरह ही बाहर भी मास्क अनिवार्य होगा। निर्देश बृहस्पतिवार मध्य रात्रि से प्रभावी हो जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री जयसुमना ने सोमवार को कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना जरूरी नहीं होगा, हालांकि, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते समय और कार्यालयों जैसे बंद स्थानों पर मास्क लगाना जरूरी रहेगा। श्रीलंका में कोविड के मामलों में कमी आई है। देश में कोरोना वायरस के कुल मामले 6.6 लाख दर्ज किए गए हैं और 16,497 लोगों की मौत हुई है।
श्रीलंकाई अधिकारियों ने हिंसा प्रभावित दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र रामबुक्काना से बृहस्पतिवार को कर्फ्यू हटाने की घोषणा की। एहतियात के तौर पर रामबुक्काना में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस के मुताबिक बृहस्पतिवार को स्थानीय समयानुसार सुबह पांच बजे कर्फ्यू हटा लिया गया।
देश में ईंधन की कीमतों में ताजा बढ़ोतरी के खिलाफ रामबुक्काना में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी के बाद भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि 13 अन्य घायल हो गए थे। एक अधिकारी के अनुसार, कोलंबो से लगभग 90 किलोमीटर उत्तर पूर्व में रामबुक्काना के अस्पताल में भर्ती 14 प्रदर्शनकारियों में से कम से कम तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। इसके अलावा इस हिंसा में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
पुलिस की गोली लगने से मरने वाले 41 वर्षीय व्यक्ति चामिंडा लक्षन के दो बच्चे हैं। चामिंडा की 16 वर्षीय बेटी पीयूमी लक्षनी ने संवाददाताओं से कहा, “मैं अपने पिता की मौत के लिए न्याय चाहती हूं। मुझे पैसे या कोई अन्य मदद नहीं चाहिए।” पीयूमी ने कहा कि उसके पिता प्रदर्शनकारी नहीं थे और अपनी मोटरसाइकिल के लिए पेट्रोल खरीदने गए थे। इस बीच, सरकार ने कहा कि चामिंडा के अंतिम संस्कार के मद्देनजर रामबुक्काना इलाके में सैनिकों को बुलाया गया है। सेना के जवान शनिवार तक वहीं तैनात रहेंगे।