कोविड-19 ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर चिंतित दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक

By भाषा | Updated: November 27, 2021 19:30 IST2021-11-27T19:30:58+5:302021-11-27T19:30:58+5:30

South African scientists concerned about the nature of Kovid-19 Omicron | कोविड-19 ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर चिंतित दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक

कोविड-19 ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर चिंतित दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक

जोहानिसबर्ग, 27 नवंबर (एपी) दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक बिजली की रफ्तार से फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण के नए स्वरूप ओमीक्रोन से निपटने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका में ही सबसे पहले कोरोना वायरस के इस बेहद संक्रामक स्वरूप की पहचान की गई है और दूसरे देश भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।

दक्षिण अफ्रीका में पहले संक्रमण के कम मामले सामने आ रहे थे, लेकिन ओमीक्रोन की उत्पत्ति के बाद दो सप्ताह के दौरान नए मामलों में तेज वृद्धि देखी गई है। वैसे तो देश में अब भी संक्रमण के अपेक्षाकृत कम मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन युवाओं को संक्रमित करने की ओमीक्रोन की रफ्तार देखकर स्वास्थ्य पेशेवर भी हैरान हैं। शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के 2,828 नए मामले सामने आए।

सोविटोज बरगवनथ अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) की प्रमुख रूडो मैथिवा ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा, ''हम कोविड-19 के रोगियों की जनसांख्यिकीय पहचान में एक उल्लेखनीय परिवर्तन देख रहे हैं।''

उन्होंने कहा, ''20 साल से युवाओं से लेकर लगभग 30 की आयु तक के लोग मध्यम या गंभीर रूप से बीमारी की हालत में आ रहे हैं। कुछ को गहन चिकित्सा की जरूरत है। लगभग 65 प्रतिशत ने टीका नहीं लगवाया और शेष लोगों में से अधिकतर ने केवल एक खुराक ही ली है। मैं इस बात को लेकर चिंतित हूं कि जैसे-जैसे मामलों में वृद्धि होगी, जन स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था चरमरा जाएगी। ''

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक अस्पतालों को गहन चिकित्सा की आवश्यकता वाले रोगियों की संभावित बड़ी आमद से निपटने में सक्षम बनाने के लिए तत्काल तैयारी करने की आवश्यकता है।

वहीं अफ्रीका हेल्थ एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर विलेम हेनकॉम ने 'एसोसिएटिड प्रेस' से कहा, ''यह बहुत बड़ी चिंता है। हम सभी इस वायरस को लेकर बहुत चिंतित है।''

हेनकॉम दक्षिण अफ्रीका कोविड स्वरूप अनुसंधान समूह के सह अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा, ''यह स्वरूप मुख्य रूप से ग्वेतेंग प्रांत में केंद्रित है, लेकिन हमें नैदानिक ​​परीक्षणों से सुराग मिले हैं... जो बताते हैं कि यह स्वरूप पहले से ही पूरे दक्षिण अफ्रीका में मौजूद है।''

टीकाकरण एक महत्वपूर्ण कारक है। ऐसा प्रतीत होता है कि नया स्वरूप उन लोगों में सबसे तेजी से फैल रहा है, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। दक्षिण अफ्रीका में फिलहाल लगभग 40 प्रतिशत वयस्क लोगों को ही टीका लगा है, और 20 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों में यह संख्या बहुत कम है।

हेनकॉम ने कहा वैज्ञानिक ओमीक्रोन के बारे में और जानकारी हासिल कर रहे हैं, ऐसे में दक्षिण अफ्रीका के लोगों को चाहिये कि वे अपने बचाव के लिये एहतियाती उपायों का पालन करते रहें।

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Web Title: South African scientists concerned about the nature of Kovid-19 Omicron

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