छह भारतीय जहाज द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए श्रीलंकाई बंदरगाह पहुंचे
By भाषा | Updated: October 25, 2021 13:26 IST2021-10-25T13:26:15+5:302021-10-25T13:26:15+5:30

छह भारतीय जहाज द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए श्रीलंकाई बंदरगाह पहुंचे
कोलंबो, 25 अक्टूबर भारतीय नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के छह जहाज पहली बार चार दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे। इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करना और दोनों बलों के एक साथ मिलकर काम करने की क्षमता बढ़ाना है।
श्रीलंकाई जहाजों के साथ मिल कर प्रशिक्षण के लिए ये जहाज रविवार को कोलंबो और त्रिंकोमाली बंदरगाह पर पहुंचे। भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा, ‘‘यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में मील का पत्थर है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भारतीय नौसेना के जहाज श्रीलंका आए हैं।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘प्रशिक्षण भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सबसे मजबूत और स्थायी स्तंभों में से एक रहा है और यह यात्रा इस ओर गति प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की दूरदष्टि के अनुसार दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए यह यात्रा दोनों देशों के रक्षा कर्मियों के बीच सौहार्द्रता और मित्रता के मौजूदा संबंधों को मजबूत करने की ओर सकारात्मक योगदान देगी।’’
भारतीय नौसेना के ये छह जहाज ऐसे वक्त में श्रीलंका आ रहे हैं जब द्वीपीय देश में चीन की दखल बढ़ गयी है और बीजिंग उसके साथ रक्षा संबंध बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) पहल में श्रीलंका एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
ये जहाज दक्षिण नौसैन्य कमान (एसएनसी) का हिस्सा हैं जो भारतीय नौसेना की प्रशिक्षण कमान है। इसका नेतत्व एसएनसी के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल एके चावला कर रहे हैं।
भारतीय नौसेना चार दशक से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दे रही है। बड़ी संख्या में श्रीलंका के अधिकारी और नौसैनिक एसएनसी में एडवांस्ड पाठयक्रमों में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
चार दिवसीय यात्रा के दौरान भारतीय नौसेना के जहाज मगर और शार्दुल के साथ ही 101 आईओटीसी के प्रशिक्षु कोलंबो बंदरगाह जाएंगे जबकि जहाज सुजाता, सुदर्शिनी, तारंगिनी और सीजीएस विक्रम 100वीं आईओटीसी के प्रशिक्षुओं के साथ त्रिंकोमाली जाएंगे। जहाजों के 27 और 28 अक्टूबर को वापस आने का कार्यक्रम है।
इस बीच, भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने वाइस एडमिरल चावला से मुलाकात की।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।