बीमार नवाज शरीफ ने पाकिस्तान छोड़ने से किया इनकार, कहा- मर जाऊंगा लेकिन देश नहीं छोडूंगा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 27, 2019 20:11 IST2019-10-27T15:09:39+5:302019-10-27T20:11:47+5:30
नवाज की पार्टी पीएमएल-एन इस मार्च को समर्थन दे रही है. सरकार और सेना इससे खौफजदा है. क्योंकि मौलाना नवाज की लोकप्रियता का लाभ 'आजादी मार्च' के लिए उठा रहे हैं. नवाज इस बात से वाकिफ हैं. उनके पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि नवाज अपने रायविंड मेडिकल कॉलेज में ही उपचार कराएंगे

खराब सेहत के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री को जेल में रखने की वजह से पहले इमरान और सेना की कड़ी आलोचना हो रही है.
तमाम बीमारियों से जूझ रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने स्पष्ट कर दिया कि वह अपने देश में ही मरना पसंद करेंगे. उन्होंने जमानत मिलने के बावजूद इलाज के लिए देश से बाहर जाने से इनकार कर दिया. सूत्रों के अनुसार इमरान खान सरकार और सेना चाहती है कि नवाज को इलाज के बहाने पाकिस्तान से बाहर भेज दिया जाए.
इसकी वजह मौलाना फजलुर रहमान के आजादी मार्च को कमजोर करना है. नवाज की पार्टी पीएमएल-एन इस मार्च को समर्थन दे रही है. सरकार और सेना इससे खौफजदा है. क्योंकि मौलाना नवाज की लोकप्रियता का लाभ 'आजादी मार्च' के लिए उठा रहे हैं. नवाज इस बात से वाकिफ हैं. उनके पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि नवाज अपने रायविंड मेडिकल कॉलेज में ही उपचार कराएंगे. वो सरकार की साजिश को समझते हैं. लिहाजा, हालात कुछ भी हों, वे फिलहाल पाकिस्तान नहीं छोड़ेंगे. दूसरे केस में भी मिली बेल नवाज की हालत बेहद गंभीर है.
शनिवार को उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा था. शनिवार देर रात विशेष सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने नवाज को अल अजीजिया केस में जमानत दे दी. लाहौर हाईकोर्ट पहले ही उन्हें चौधरी शुगर मिल केस में बेल दे चुका है. अब भी सर्वाधिक लोकिप्रय नेता इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा अच्छी तरह जानते हैं कि नवाज शरीफ अब भी मुल्क के सबसे लोकिप्रय नेता हैं.
अगर वे आजादी मार्च के वक्त देश से बाहर चले गए तो सरकार मौलाना के आंदोलन को काफी हद तक कमजोर करने में कामयाब हो जाएगी. यही वजह है कि बेहद खराब सेहत के बावजूद पाकिस्तान छोड़ने को तैयार नहीं हैं. उनके सामने मुल्क से बाहर जाने का प्रस्ताव रखा भी गया था लेकिन नवाज और उनकी पार्टी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. खराब सेहत के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री को जेल में रखने की वजह से पहले इमरान और सेना की कड़ी आलोचना हो रही है.