भुखमरी के खिलाफ मछली के विकल्प पर काम करने वाली शकुंतला को मिला विश्व खाद्य पुरस्कार

By भाषा | Updated: May 22, 2021 14:57 IST2021-05-22T14:57:21+5:302021-05-22T14:57:21+5:30

Shakuntala, who worked on fish substitutes against hunger, received the World Food Award | भुखमरी के खिलाफ मछली के विकल्प पर काम करने वाली शकुंतला को मिला विश्व खाद्य पुरस्कार

भुखमरी के खिलाफ मछली के विकल्प पर काम करने वाली शकुंतला को मिला विश्व खाद्य पुरस्कार

लांसिंग (अमेरिका), 22 मई (कन्वर्सेशन) विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन ने 2021 का पुरस्कार शकुंतला हरकसिंह थिल्स्टेड को देने की घोषणा की है, जिन्होंने कुपोषण और भूख को दुनिया से खत्म करने के लिए भोजन के विकल्प के रूप में मछली एवं जलीय भोजन पर काम किया है।

दुनिया की करीब एक अरब आबादी के भोजन का अभिन्न हिस्सा मछली और अन्य जलीय खाद्य पदार्थ हैं।

इनमें से अधिकतर लोग अफ्रीका, एशिया और प्रशांत क्षेत्र के निम्न एवं माध्यम आय वर्ग के देशों में नदियों, झीलों या समुद्र के किनारे रहते हैं।

इन इलाकों के व्यंजन में ताजी या सूखी मछली मुख्य हिस्सा है और ये सस्ते होने के साथ-साथ अंडे, डेयरी उत्पाद और फल के मुकाबले अधिक उपलब्ध रहते हैं।

ये ‘जलीय सुपरफूड’ सूक्ष्म पोषक तत्वों के भंडार होते हैं जो मानव स्वास्थ्य एवं संज्ञानात्मक विकास के लिए जरूरी होते हैं।

विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन ने 11 मई 2021 को घोषणा की कि वर्ष 2021 की विजेता व पोषण वैज्ञानिक शकुंतला हरकसिंह थिल्स्टेड ने इस ओर ध्यान दिलाने में बहुत काम किया है लेकिन अक्सर जलीय भोजन की स्थायी स्वस्थ आहार में योगदान को नजरअंदाज कर दिया जाता है।

उल्लेखनीय है कि इस पुरस्कार में विजेता को 2.5 लाख डॉलर की राशि दी जाती है और इसे खाद्य एवं कृषि का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। इसकी स्थापना नोबेल पुरस्कार विजेता नॉरमन बोरलॉग ने 1970 में की थी।

इस साल यह सम्मान थिल्स्टेड के चार दशक के काम को सम्मानित करने के लिए दिया गया है जिन्होंने एशिया एवं अफ्रीका में लाखों कुपोषित बच्चों और उनकी मां के स्वास्थ्य एवं पोषण सुधार के लिए काम किया।

शकुंतला थिल्स्टेड का जन्म त्रिनिदाद और टोबैगो में हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कृषि, भूमि और मत्स्यपालन मंत्रालय में एकमात्र महिला कर्मी के तौर पर की। उन्होंने डेनमार्क के रॉयल वेटिनेरी ऐंड एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। बाद में वह पशु मनोविज्ञान विभाग की प्रमुख बनीं।

उन्होंने 1980 के दशक में बांग्लादेश में काम किया।

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Web Title: Shakuntala, who worked on fish substitutes against hunger, received the World Food Award

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