लाइव न्यूज़ :

म्यांमा की सैन्य सरकार में मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध हुए : संयुक्त राष्ट्र जांचकर्ता

By भाषा | Updated: November 6, 2021 14:22 IST

Open in App

संयुक्त राष्ट्र, छह नवंबर (एपी) म्यांमा में सबसे गंभीर अपराधों की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र निकाय के प्रमुख निकोलस कौमजियान ने शुक्रवार को कहा कि एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद से एकत्र किए गए प्रारंभिक साक्ष्य आम नागरिकों पर ‘‘मानवता के खिलाफ व्यापक अपराध और सुनियोजित हमलों’’ को दर्शाते हैं।

म्यांमा के लिए स्वतंत्र जांच तंत्र के प्रमुख निकोलस कौमजियान ने संयुक्त राष्ट्र के संवाददाताओं से कहा कि सैन्य कब्जे के बाद से 2,00,000 से अधिक सूचनाएं मिली हैं और 15 लाख से अधिक साक्ष्य एकत्र किए गए हैं जिनका विश्लेषण किया जा रहा है, ‘‘ताकि म्यांमा में गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों को एक दिन न्याय के कठघरे में लाया जाए।’’

उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं ने हिंसा का तरीका देखा है। सैन्य कब्जे के ‘‘हिंसा में वृद्धि और प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए और अधिक हिंसक तरीकों का इस्तेमाल किया गया।’’ कौमजियान ने कहा, ‘‘यह एक ही समय में अलग-अलग जगहों पर हो रहा था, यह दर्शाता है कि यह निष्कर्ष निकालना तर्कसंगत होगा कि यह केंद्रीय नीति से किया गया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा कि विशेष समूहों को लक्षित किया गया, विशेष रूप से गिरफ्तारी और हिरासत के लिए जो तरीका अपनाया गया वह कानून की उचित प्रक्रिया के बिना किया गया प्रतीत होता है। इसमें जाहिर तौर पर पत्रकार, चिकित्साकर्मी और राजनीतिक विरोधी भी शामिल हैं।’’

म्यांमा पांच दशकों तक सख्त सैन्य शासन के अधीन था जिसके कारण वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग रहा और उस पर प्रतिबंध भी लगे। 2015 के चुनावों में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची को नेतृत्व की कमान मिली, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अधिकांश प्रतिबंधों को हटाकर देश में निवेश किया। लेकिन पिछले साल नवंबर के चुनाव के बाद एक फरवरी को तख्तापलट कर सेना ने सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी को खारिज कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता ने कहा कि सैन्य कब्जे के बाद से म्यांमा में अशांति पैदा हो गई है और देश के कई हिस्सों में सत्तारूढ़ जनरलों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर घातक बल प्रयोग हुआ।

संयुक्त राष्ट्र की इस जांच निकाय की स्थापना सितंबर 2018 में जिनेवा स्थित मानवाधिकार परिषद ने म्यांमा में किए गए सबसे गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराधों और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के साक्ष्य एकत्र करने, समेकित करने, उन्हें संरक्षित करने और विश्लेषण करने के इरादे से की थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान

भारतGoa Fire Accident: अरपोरा नाइट क्लब में आग से 23 लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे सीएम सावंत; जांच के दिए आदेश

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद