इजरायल चुनाव में खंडित जनादेशः नेतन्याहू ने शुरू की साथी की तलाश, छह सप्ताह का वक्त है लेकिन राहें मुश्किल
By भाषा | Updated: September 26, 2019 15:45 IST2019-09-26T15:45:36+5:302019-09-26T15:45:36+5:30
छोटे दलों के सहयोग के बावजूद नेतन्याहू और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के नेता एवं पूर्व सेना प्रमुख बेनी गैंट्ज 120 सदस्यीय संसद में सरकार बनाने के लिए जरूरी 61 सीटों के जादुई आंकड़े को हासिल करने में नाकाम रहे।

अगर नेतन्याहू छह हफ्ते में सरकार बनाने में कामयाब नहीं होते हैं तो गैंट्ज को मौका दिया जाएगा।
इजरायल में दोबारा हुए आम चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद निवर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को गठबंधन सरकार बनाने की चुनौतीपूर्ण कोशिश शुरू की।
नेतन्याहू के लिए गठबंधन सरकार बनाने के लिए छह सप्ताह का वक्त है लेकिन उनकी राहें मुश्किल लग रही है। यहां तक कि छोटे दलों के सहयोग के बावजूद नेतन्याहू और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के नेता एवं पूर्व सेना प्रमुख बेनी गैंट्ज 120 सदस्यीय संसद में सरकार बनाने के लिए जरूरी 61 सीटों के जादुई आंकड़े को हासिल करने में नाकाम रहे।
नेतान्याहू पारंपरिक अति रूढ़ीवादी और धार्मिक-राष्ट्रवादी सहयोगियों के समर्थन के बावजूद बहुमत से दूर हैं। यही वजह है कि गुरुवार को नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के वार्ताकारों ने बातचीत शुरू की। लिकुड पार्टी के सांसद ज़ीव इल्किन ने कहा, ‘‘ कोई चमत्कार नहीं हो सकता। कोई नुस्खा नहीं है। कोई विकल्प नहीं है सिवाय की एकता सरकार बनाई जाए।’’
उन्होंने इजरायली आर्मी रेडियो पर कहा, ‘‘अगर व्यक्तिगत कारणों से ब्लू एंड व्हाइट पार्टी नेतन्याहू और अन्य कुछ दलों को एकता सरकार में शामिल करने का विरोध करती रही तो इसका अंत तीसरे आम चुनाव के रूप होगा।’’ ब्लू एंड व्हाइट पार्टी गैंट्स के नेतृत्व् में एकता सरकार गठित करना चाहती है।
साथ ही उसने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे नेतन्याहू से गठबंधन करने से इनकार कर दिया है। राष्ट्रपति रियूवेन रिवलिन ने नेतन्याहू और गैंट्ज के बीच एकता सरकार बनाने की कोशिशें नाकाम होने के बाद बुधवार को नेतन्याहू को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।
अगर नेतन्याहू छह हफ्ते में सरकार बनाने में कामयाब नहीं होते हैं तो गैंट्ज को मौका दिया जाएगा। अगर वह भी सफल नहीं होते तो राष्ट्रपति किसी अन्य सांसद को मौका देंगे या फिर तीसरी बार आम चुनाव का प्रस्ताव पेश करेंगे।