सीरिया के मुद्दे पर ‘कार्रवाइयों एवं निष्क्रियता’ पर सुरक्षा परिषद को आत्ममंथन करने की जरूरत : भारत

By भाषा | Updated: March 30, 2021 12:32 IST2021-03-30T12:32:56+5:302021-03-30T12:32:56+5:30

Security Council needs to introspect on 'actions and inaction' on Syrian issue: India | सीरिया के मुद्दे पर ‘कार्रवाइयों एवं निष्क्रियता’ पर सुरक्षा परिषद को आत्ममंथन करने की जरूरत : भारत

सीरिया के मुद्दे पर ‘कार्रवाइयों एवं निष्क्रियता’ पर सुरक्षा परिषद को आत्ममंथन करने की जरूरत : भारत

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 30 मार्च भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को आत्ममंथन करना चाहिए कि सीरिया के मुद्दे पर उसकी ‘‘कार्रवाइयों एवं निष्क्रियता’’ की क्या कीमत चुकानी पड़ी।

भारत ने जोर देकर कहा कि विश्व निकाय को तत्काल आम सहमति बनाने की जरूरत है और युद्धग्रस्त देश के लोगों की परेशानी दूर करने के मुद्दे पर वह ‘‘अविचलित’’ नहीं रह सकता है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की अध्यक्षता में सीरिया मुद्दे पर हुई सुरक्षा परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने सोमवार को कहा कि पिछला दशक सीरिया के लिए खोने वाला था, खासतौर पर बच्चों और युवाओं के लिए, जिन्होंने 2011 से हिंसा और संघर्ष के सिवाय कुछ नहीं देखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह पीड़ा संभवत: परिषद के सदस्यों तक पहुंचनी चाहिए।’’

तिरुमूर्ति ने जोर देकर कहा कि परिषद को इस विषय पर आत्ममंथन करना चाहिए कि उसकी कार्रवाइयों और निष्क्रियता की क्या कीमत चुकाई गई।

उन्होंने कहा, ‘‘मानवीय हालात पर तत्काल आम सहमति बनाने की जरूरत है और सीरिया के लोगों के कष्ट दूर करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। हम शांत नहीं रह सकते हैं।’’

ब्लिंकन ने कहा कि सुरक्षा परिषद सदस्यों को जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘सीरिया के लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए तीन सीमा मार्गों को फिर से मंजूरी दी जाए। उन कृत्यों को रोका जाए जिसके बहाने इन रास्तों को रोकने के लिए हमले हों, मानवीय सहायता पहुंचाने वाले कर्मियों और उन सीरियाई नागरिकों पर हमले रोके जाएं जो मदद करने की कोशिश कर रहे हैं और जिनकी सहायता पर लाखों लोगों का जीवन निर्भर है, राजनीतिक मुद्दे के हल के लिए सुरक्षा परिषद से उम्मीद लगाए हुए है।’’

तिरुमूर्ति ने कहा कि करीब एक दशक से जारी संघर्ष का लोगों पर भारी असर पड़ा है।

चेतावनी देने वाले आंकड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि करीब पांच लाख लोगों की मौत हो चुकी है, लाखों देश के अंदर एवं विदेशों में विस्थापित हुए हैं, स्वास्थ्य अवसंरचना ध्वस्त हो गई है, बच्चे मौलिक शिक्षा से वंचित हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘महिलाएं और बच्चे खासतौर पर प्रभावित हुए हैं और कोविड-19 महामारी ने मानवीय संकट को और गहरा दिया है।

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Web Title: Security Council needs to introspect on 'actions and inaction' on Syrian issue: India

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