सुरक्षा परिषद ने म्यांमा में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की निंदा की

By भाषा | Updated: March 11, 2021 13:51 IST2021-03-11T13:51:39+5:302021-03-11T13:51:39+5:30

Security Council condemns violence on peaceful protesters in Myanmar | सुरक्षा परिषद ने म्यांमा में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की निंदा की

सुरक्षा परिषद ने म्यांमा में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की निंदा की

संयुक्त राष्ट्र, 11 मार्च संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने म्यांमा में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की कड़ी निंदा की है और सेना से ‘‘संयम’’ बरतने का आह्वान किया है।

विश्व संस्था ने सर्वसम्मति से दक्षिणपूर्वी एशियाई देश में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण और हिरासत में लिए गये नेताओं को तत्काल रिहा करने की बात दोहरायी।

सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से बुधवार को म्यांमा पर एक अध्यक्षीय बयान स्वीकृत किया, जिसमें म्यांमा में एक फरवरी को सेना द्वारा आपातकाल की घोषणा और स्टट काउंसलर आंग सान सू ची तथा विन मिंट एवं अन्य समेत सरकार के नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद उपजे हालात पर गहरी चिंता जतायी गयी है।

बयान में कहा गया, ‘‘सुरक्षा परिषद महिलाओं, युवाओं और बच्चों समेत शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की निंदा करता है। परिषद स्वास्थ्यकर्मियों, नागरिक संस्था, मजदूर यूनियन के सदस्यों, पत्रकारों और मीडिया कर्मियों पर प्रतिबंध को लेकर बेहद चिंतित है और हिरासत में लिए गये सभी लोगों की तत्काल रिहाई की अपील करता है।’’

परिषद ने सेना से संयम बरतने की अपील की और जोर दिया कि कि वह स्थिति पर पैनी नजर रख रहा है।

यह अध्यक्षीय बयान परिषद की ओर से सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ने जारी किया जिसे परिषद की औपचारिक बैठक में स्वीकृत कर लिया गया और इसे परिषद के आधिकारिक दस्तावेज के तौर पर जारी किया गया।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अध्यक्षीय बयान पर एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस बयान पर म्यांमा की सेना विचार करेगी और सभी कैदियों की रिहाई आवश्यक है।

परिषद ने क्षेत्रीय संगठनों विशेषकर दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) और म्यांमा में सकारात्मक, शांतिपूर्ण एवं रचनात्मक तरीके से सहयोग की उसकी मंशा के प्रति अपना मजबूत समर्थन जताया।

महासभा में 26 फरवरी को औपचारिक बैठक में भारत ने अपने बयान में कहा था कि म्यांमा एवं उसके नागरिकों का करीबी मित्र और पड़ोसी देश होने के नाते भारत ‘‘हालात पर पैनी नजर रखे हुए है और वह समान विचारधारा वाले देशों के साथ चर्चा करता रहेगा ताकि लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं का सम्मान हो।’’

इस बीच, अमेरिका ने म्यांमा के कमांडर इन चीफ के परिवार के दो सदस्यों के खिलाफ पाबंदी लगाने की बुधवार को घोषणा की।

तख्तापलट और प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के कारण सख्त कदम उठाते हुए अमेरिकी कोषागार विभाग ने सैन्य जनरल मि ओंग आंग लाइंग की दो संतानों और उनके छह कारोबारों के खिलाफ पाबंदी लगायी है।

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा, ‘‘राजनीतिक नेताओं और देश की चुनी हुई सरकार के सांसदों को निशाना बनाने वाले सेना से जुड़े लोग शासन से लाभ मिलते रहने के हकदार नहीं हैं क्योंकि उसने हिंसा का सहारा लिया और लोकतंत्र पर प्रहार किया।

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Web Title: Security Council condemns violence on peaceful protesters in Myanmar

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