सऊदी अरब ने ग्लासगो में जलवायु वार्ता में बाधक की भूमिका से इनकार किया

By भाषा | Updated: November 11, 2021 13:04 IST2021-11-11T13:04:12+5:302021-11-11T13:04:12+5:30

Saudi Arabia denies role as a hindrance to climate talks in Glasgow | सऊदी अरब ने ग्लासगो में जलवायु वार्ता में बाधक की भूमिका से इनकार किया

सऊदी अरब ने ग्लासगो में जलवायु वार्ता में बाधक की भूमिका से इनकार किया

ग्लासगो (स्कॉटलैंड), 11 नवंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में सऊदी अरब द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से बाधा डालने के बार-बार लग रहे आरोपों पर देश के ऊर्जा मंत्री ने अचंभा जताया है।

ग्लासगो में वार्ता में इस सप्ताह शहजादा अब्दुलअजीज बिन सलमान अल सऊद ने कहा, “आप जो सुन रहे हैं वह एक गलत इल्जाम है।” वह उन पत्रकारों को जवाब दे रहे थे जो उन आरोपों पर प्रतिक्रिया करने के लिए दबाव डाल रहे थे कि सऊदी अरब के वार्ताकार जलवायु संबंधी उन कदमों को अवरुद्ध करने के लिए काम कर रहे हैं जिससे तेल की मांग को खतरा हो सकता है।

शहजादा अब्दुलअजीज ने कहा संयुक्त राष्ट्र वार्ता के प्रमुखों और अन्य के साथ “हम अच्छे से काम कर रहे हैं।”

दुनियाभर में जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन में कटौती और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अगले कदमों पर सप्ताहांत की समय सीमा खत्म होने से पहले सर्वसम्मति बनाने के लिए लगभग 200 देशों के वार्ताकार काम कर रहे हैं।

जलवायु वार्ता में सऊदी अरब की भागीदारी अपने आप में असंगत लग सकती है क्योंकि वह एक ऐसा देश है जो तेल के कारण समृद्ध और शक्तिशाली बन गया है और वार्ता में मुख्य मुद्दा तेल और अन्य जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करना है।

देश में उत्सर्जन में कटौती के प्रयासों में शामिल होने की प्रतिबद्धता जताते हुए, सऊदी नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक मांग बनी रहती है, तब तक वे अपने तेल को निकालने और बेचने का इरादा रखते हैं।

ग्लासगो में सऊदी अरब के दल ने बातचीत छोड़ने के आह्वान से लेकर कई अन्य प्रस्ताव रखे हैं जिसपर जलवायु वार्ता के जानकारों का आरोप है कि वह कोयले, गैस और तेल से दुनिया को दूर करने के लिए कड़े कदमों पर समझौते को अवरुद्ध करने के उद्देश्य से देश के गुटों को एक दूसरे के खिलाफ खेलने के जटिल प्रयास कर रहा है।

सऊदी अरब पर लंबे समय से जलवायु वार्ता को बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है, और इस साल यह निजी तौर पर बोलने वाले वार्ताकारों और सार्वजनिक रूप से राय रखने वाले पर्यवेक्षकों द्वारा अलग-थलग किया जाने वाले प्रमुख देश है।

रूस और ऑस्ट्रेलिया भी वार्ता में सऊदी अरब के साथ उन देशों के रूप में जुड़े हुए हैं जो अपने भविष्य को कोयले, प्राकृतिक गैस या तेल पर निर्भर मानते हैं, और ऐसे ग्लासगो जलवायु समझौते के लिए काम कर रहे हैं जो इसे खतरा नहीं पहुंचाए।

अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के प्रयासों के बावजूद, सऊदी अरब के राजस्व में आधे से अधिक योगदान तेल का है है, जो राज्य और शाही परिवार को बचाए और स्थिर रखता है।

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Web Title: Saudi Arabia denies role as a hindrance to climate talks in Glasgow

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