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संरा शांति मिशन सदा के लिए संचालित नहीं होने चाहिए: भारत

By भाषा | Updated: February 16, 2021 21:10 IST

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(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 16 फरवरी संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों को अनंत काल के लिए संचालित नहीं होने चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध निकासी रणनीति की तत्काल आवश्यकता है कि वे ‘‘राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने’’ के साधन न बनें। यह बात शांति अभियानों के लिए बड़ी संख्या में सैनिक भेजने वाले देशों में में एक भारत ने कही है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि मौजूदा शांति अभियान बहुआयामी हैं और न केवल शांति और सुरक्षा बनाए रखने, बल्कि राजनीतिक प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने, नागरिकों की रक्षा करने, लड़ाकों को हथियार विहीन करने, चुनावों में सहयोग करने, मानवाधिकारों की रक्षा करने और कानून का शासन बहाल करने के लिए हैं।

उन्होंने सोमवार को शांति अभियानों के संचालन पर विशेष समिति की चर्चा में कहा, ‘‘शांति मिशन संक्रमणकालीन उपायों के लिए होते हैं, यह सदा के लिए संचालित नहीं होते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध निकास रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता है कि शांति मिशन राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए साधन न बनें।’’

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में प्राथमिकता के मुद्दों पर भारत के परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि शांति बहाली अभियानों के प्रदर्शन को राजनीतिक और संचालन वास्तविकताओं, जनादेश को लागू करने के लिए निर्धारित प्राथमिकताओं और संसाधनों की पर्याप्तता और उपयुक्तता के संबंध में मापा जाना चाहिए।’’

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोजकीर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते पहले से ही जटिल शांति अभियानों के संचालन में अतिरिक्त चुनौतियां उत्पन्न हो गई हैं। उन्होंने कहा कि शांति अभियान देश स्तर पर कोविड-19 के प्रकोप को रोकने और इसके लिए तैयारी के लिए सरकार के नेतृत्व वाले प्रयासों का भी समर्थन कर रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन चुनौतियों के बीच यह आवश्यक है कि हम स्पष्ट रूप से परिभाषित जनादेशों और वास्तविक उद्देश्यों के साथ शांति संचालन कराएं..।’’

तिरुमूर्ति ने कहा कि कोविड-19 के संदर्भ में भारत को संयुक्त राष्ट्र महासचिव के अनुरोध पर कदम उठाने में प्रसन्नता हुई और उसने दो चिकित्सीय टीमें रवाना की तथा गोमा, डीआरसी के एमओएनयूएससीओ और जुबा, दक्षिण सूडान में यूएनएमआईएसएस में भारत के शांति अस्पतालों को अद्यतन किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम टीकों के मोर्चे पर भी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और मानवता के लिए अपनी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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