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Russia-Ukraine war: रूसी हमले से बचने के लिए 40 भारतीय छात्र पोलैंड पहुंचने के लिए 8 किलोमीटर पैदल चले

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 25, 2022 20:05 IST

यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों को युद्ध क्षेत्र से निकालने के लिए विदेश मंत्रालय ने पश्चिमी यूक्रेन के लविव और चेर्नित्सि में अपने कैंप दफ्तर खोले हैं। जबकि रूस-यूक्रेन के बीच ज्यादातर लड़ाई पूर्वी यूक्रेन की सीमा पर हो रही है।

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ठळक मुद्देइस समय यूक्रेन में करीब 16 हजार भारतीय फंसे हैं, जिनमें से ज्यादातर छात्र हैंयुद्ध हमलों से बचने के लिए भारतीय छात्र पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर लंबी पैदल यात्राएं कर रहे हैंभारत सरकार यूक्रेन में फंसे नागरिकों के स्वदेश वापसी पर गंभीरता से कदम उठा रही है

दिल्ली:यूक्रेन में रूस की ओर से जारी भारी गोलाबारी के बीच अपनी जान बचाने के लिए और सुरक्षित ठिकाने की तलाश में 40 भारतीय छात्रों का जत्था यूक्रेन-पोलैंड सीमा पर 8 किलोमीटर पैदल चला। जानकारी के मुताबिक बमबारी और हमले की संभावना को देखते हुए कॉलेज की बसों ने भारतीय छात्रों को पोलैंड सीमा से लगभग 8 किलोमीटर पहले ही छोड़ दिया था।

जानकारी के मुताबिक पोलैंड की सीमा से लगभग 70 किलोमीटर दूर लविव शहर के एक मेडिकल कॉलेज के भारतीय छात्र यूक्रेन की सीमा से सुरक्षित निकलकर पड़ोसी देशों में घुसने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि रूसी हमले के कारण यूक्रेन ने अपनी सभी हवाई सेवाओं को बंद कर दिया है।

युद्ध क्षेत्र से मिल रही खबरों के अनुसार रूसी सैनिक मुख्य रूप से युक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने के लिए यूक्रेनी सेना से जंग कर रहे हैं। इस संबंध में विदेशी पर्यवेक्षकों का मानना है कि युक्रेन की राजधानी कीव के कुछ हिस्से थोड़ी देर के जंग के बाद रूसी कब्जे में आ सकते हैं।

इस दौरान जत्थे में चल रहे भारतीय छात्र पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर पैदल लंबी यात्राएं करते हुए नजर आ रहे हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार इस समय करीब 16 हजार भारतीय यूक्रेन में फंसे हैं, जिनमें से ज्यादातर छात्र हैं।

रूसी बमबारी और मिसाइलों के घातक हमले से बचने के लिए करीब हजारों की संख्या में नागरिक युक्रेन की अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों और कई व्यापारिक तहखानों जैसी जगहों पर छुपकर अपनी जान बचा रहे हैं। 

भारतीय लोगों को युक्रेन से निकालने के लिए विदेश मंत्रालय ने पश्चिमी यूक्रेन के लविव और चेर्नित्सि में अपने कैंप दफ्तर खोले हैं। जबकि रूस-यूक्रेन के बीच ज्यादातर लड़ाई पूर्वी यूक्रेन की सीमा पर हो रही है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने युक्रेन से पोलैंड जाने वाले भारतीय छात्रों की मदद के लिए इन कैंप दफ्तरों में रूसी भाषी जानने वाले अधिकारियों को भेज रहे हैं। इस बीच कैंप दफ्तर की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि भारतीय छात्रों का एक समूह सुरक्षित तरीके से यूक्रेन-रोमानिया सीमा के लिए रवाना हो गया है।

खबरों के मुताबिक भारत सरकार यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों के स्वदेश लाने के लिए पहले उन्हें यूक्रेन के पड़ोसी देश तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। उसके बाद सभी को हवाई मार्ग से दिल्ली लाये जाने की कार्य योजना है।

बताया जा रहा है कि इसके लिए खर्च का सारा इंतजाम भारत सरकार की ओर से किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार भारतीय नागरिकों को लाने के लिए दो चार्टर्ड उड़ानें आज बुखारेस्ट के लिए रवाना हो सकती है, वहीं एक उड़ान कल बुडापेस्ट के लिए रवाना होगी।

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार की देर रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रूसी समकक्ष पुतिन से अपील की कि रूस तत्काल हिंसा का रास्ता छोड़ दे और युक्रेन के साथ शांति-समझौते का प्रयासों को तेज करे। 

टॅग्स :यूक्रेनरूसरूस-यूक्रेन विवादभारतनरेंद्र मोदी
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