भारत और चीन की सेनाओं में हुई हिंसक झड़प के बाद रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा इस बात की पहले ही घोषणा की जा चुकी है कि भारत और चीन के सैन्य प्रतिधियों में संपर्क हुआ है। वे स्थिति पर बात कर रहे हैं और पीछे हटने पर चर्चा हो रही है। हम इसका स्वागत करते है।
वहीं, ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने कहा कि हम भारत के प्रयासों को सीमा पर बढ़ाने और भारतीय सैनिकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहते हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई। एक सेवारत सैन्य अधिकारी के पिता के रूप में मैं उन बलिदानों को महत्व देता हूं जो सैनिक देशों की रक्षा में करते हैं'।
झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान हुए थे शहीद
बता दें कि सोमवार को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 जवान शहीद हो गए। भारतीय सेना ने बताया है कि शहीद हुए जवानों में 15 जवान बिहार रेजिमेंट से थे। इसके अलावा पंजाब रेजिमेंड के 3, 81 एमपीएससी रेजिमेंट और 81 फील्ड रेजिमेंट के एक-एक जवान शहीद हुए हैं। इस खूनी झड़प पर घायल चार भारतीय जवान की हालत गंभीर बताई जा रही है।
भारतीय जवानों ने बिना हथियारों के किया सामना
रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर सभी तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया और कुछ जवानों के मुंह पर बंदूक अड़ाकर उन्हें आखिरी सांस तक टॉर्चर करते रहे। वहीं भारतीय जवान बिना हथियार के बहादुरी के साथ लड़ते हुए हालात को संभालते रहे, क्योंकि वह हथियारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे।
करीब 8 घंटे तक चली दोनों सेनाओं के बीच झड़प
हमले में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू साथियों को लेकर यह देखने गए थे कि वादे के मुताबिक चीन ने अपने सैनिक हटाए हैं या नहीं? इस बीच, चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों को घेरकर हमला कर दिया। करीब शाम चार बजे शुरू हुई झड़प रात 12 बजे तक चलती रही।