टीकों पर अनुसंधान, ‘बूस्टर शॉट’ की पड़ सकती है जरूरत

By भाषा | Updated: June 3, 2021 11:18 IST2021-06-03T11:18:56+5:302021-06-03T11:18:56+5:30

Research on vaccines, 'booster shot' may be needed | टीकों पर अनुसंधान, ‘बूस्टर शॉट’ की पड़ सकती है जरूरत

टीकों पर अनुसंधान, ‘बूस्टर शॉट’ की पड़ सकती है जरूरत

न्यूयॉर्क, तीन जून (एपी) विश्व में कोविड-19 के सबसे सफल टीकों के ‘बूस्टर शॉट’ बार-बार दिए जाने पर यह संक्रमण से स्थायी सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।

‘बूस्टर शॉट’ से तात्पर्य टीके की निर्धारित खुराक से अतिरिक्त खुराक देने से है।

शरीर में संक्रमण के अवशेषों पर अनुसंधान कर रहे वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। बहरहाल, उनका कहना है कि इसके लिए अधिक अनुसंधान की आवश्यकता हैं और ‘वायरस म्यूटेशन’ अब भी एक ‘वाइल्ड कार्ड’ है।

‘क्लीनिकल’ अनुसंधान अब भी जारी है और इस बात के सबूत मिले हैं कि ‘फाइज़र’ और ‘मॉर्डना’ द्वारा निर्मित एमआरएनए टीकों से बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता, विशेष रूप से ‘एंटीबॉडी’ पर निर्भर नहीं है जो समय के साथ कम हो जाती है।

शरीर में प्रतिरक्षा की कई परत होती हैं, जो अतिरिक्त सुरक्षा (बैकअप) प्रदान करती हैं।

वैज्ञानिकों को अभी यह नहीं पता कि उस सुरक्षा के सहसंबंध को क्या कहा जाता है, जिस स्तर से नीचे ‘एंटीबॉडी’ अतिरिक्त सहायता के बिना कोरोना वायरस से बचाव नहीं कर सकती।

अमेरिका में संक्रामक रोग के विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फाउची ने पिछले सप्ताह कहा था कि टीके से अनंतकाल के लिए सुरक्षा नहीं मिल सकती।

‘फाइजर’ और ‘मॉर्डना’ के अधिकारियों ने बताया कि लोगों को शायद अन्य संक्रामक रोग की तरह हर साल इसके टीके लेने पड़ सकते हैं। कम्पनियों की योजना इसके लिए कुछ उम्मीदवारों को तैयार रखने की है, लेकिन कम्पनियों ने इसका फैसला अभी नहीं किया है कि ये ‘बूस्टर शॉट’ कब दिए जाएंगे।

वहीं, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि शायद कुछ कुछ वर्षों के अंतराल में इसका टीका लगाने की जरूरत पड़े।

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Web Title: Research on vaccines, 'booster shot' may be needed

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