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प्रदर्शनकारियों ने महात्‍मा गांधी की प्रतिमा को पहुंचाया नुकसान, अमेरिका ने मांगी माफी

By गुणातीत ओझा | Updated: June 4, 2020 10:28 IST

अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत का मामला बढ़ता ही जा रहा है। विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ लोगों ने वॉशिंगटन डीसी में स्थित भारतीय दूतावास में महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ दिया है।

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ठळक मुद्देअमेरिका में विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ लोगों ने वॉशिंगटन डीसी में स्थित भारतीय दूतावास में महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ दिया है।गांधी प्रतिमा तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्रदर्शनकारियों की इस हरकत पर अमेरिका ने खेद जताया है और साथ ही भारत से माफी भी मांगी है।

वॉशिंगटन।अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत का मामला बढ़ता ही जा रहा है। विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ लोगों ने वॉशिंगटन डीसी में स्थित भारतीय दूतावास में महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ दिया है। गांधी प्रतिमा तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्रदर्शनकारियों की इस हरकत पर अमेरिका ने खेद जताया है और साथ ही भारत से माफी भी मांगी है। 

भारतीय दूतावास ने अमेरिका के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ने का मुद्दा उठाया था। भारतीय दूतावास ने मेट्रोपोलियन पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर, 2014 को वॉशिंगटन डीसी में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर प्रदर्शनकारियों से भरी सड़कों को सेना का 'युद्ध मैदान' कहने के लिए आलोचनाओं के घेरे में हैं। उन पर सेना को राजनीति से दूर रखने में विफल रहने का आरोप लगाया जा रहा है। एस्पर ने बुधवार को देश में सड़कों पर प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना का पूरी तरह इस्तेमाल करने की ट्रम्प की चेतावनियों से दूरी बना ली थी। राष्ट्रपति ने संकेत दिया था कि अगर राज्य के गवर्नर हिंसा नहीं रोक सके तो वह सभी उपलब्ध सैन्य बलों का इस्तेमाल करेंगे। हालांकि एस्पर ने बुधवार को पेंटागन के उस फैसले को बदल दिया कि वाशिंगटन इलाके से ड्यूटी पर तैनात सैकड़ों सैनिकों को घर भेजा जाएगा। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश की राजधानी में नेशनल गार्ड के सैनिकों और प्रवर्तन अधिकारियों को भारी संख्या में तैनात करने करने का बुधवार को श्रेय लेते हुए कहा कि इसने राज्यों को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। वाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि सोमवार रात वाइट हाउस के बाहर की गई कठोर कार्रवाई का राष्ट्रपति ने समर्थन किया है। जो देश की राजधानी में आक्रामक कार्रवाई कर शेष देश के लिये एक उदाहरण पेश करना चाहते थे।

टॅग्स :अमेरिकाडोनाल्ड ट्रम्पमहात्मा गाँधी
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