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पीएम मोदी बोले- गांधी जी भारतीय थे लेकिन सिर्फ भारत के नहीं थे, इन सात बातों से किया दुनिया को सावधान

By आदित्य द्विवेदी | Updated: September 25, 2019 07:52 IST

पीएम मोदी ने कहा कि आज हम 'How to Impress' के दौर में जी रहे हैं लेकिन गांधी जी का विजन था- 'How to Inspire'

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ठळक मुद्देमहात्मा गांधी ने एक ऐसी समाज व्यवस्था का बीड़ा उठाया, जो सरकार पर निर्भर न हो।गांधी जी ने कभी अपने जीवन से प्रभाव पैदा करने का प्रयास नहीं किया लेकिन उनका जीवन ही प्रेरणा का कारण बन गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी को श्रद्दांजलि अर्पित करते हुए आज के युग में उनकी प्रासंगिकता पर भाषण दिया। बुधवार को यूनाइटेड नेशंस में आयोजित महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर बोलते हुए पीएम मोदी ने गांधी के सिद्धांतों और संयुक्त राष्ट्र विजन के बीच के संबंधों को रेखांकित किया। पढ़िए, संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातेंः-

- मुझे विश्वास है कि गांधी जी का दिखाया ये रास्ता बेहतर विश्व के निर्माण में प्रेरक सिद्ध होगा। मैं समझता हूं कि जब तक मानवता के साथ गांधी जी के विचारों का ये प्रवाह बना रहेगा, तब तक गांधी जी की प्रेरणा और प्रासंगिकता भी हमारे बीच बनी रहेगी।

- चाहे क्लाइमेट चेंज हो या फिर आतंकवाद, भ्रष्टाचार हो या फिर स्वार्थपरक सामाजिक जीवन, गांधी जी के ये सिद्धांत, हमें मानवता की रक्षा करने के लिए मार्गदर्शक की तरह काम करते हैं।

- साथियों, सिद्धांतों के लिए इसी प्रतिबद्धता ने गांधी जी का ध्यान ऐसी सात विकृतियों की तरफ़ खिंचा जिनके प्रति सभी को जागरूक रहना चाहिए और उनकी ये सातों बातें आज भी रेलेवंट है और आने वाले कल भी रेलेवेंट रहने वाली है।

- गांधी जी ने कभी अपने जीवन से प्रभाव पैदा करने का प्रयास नहीं किया लेकिन उनका जीवन ही प्रेरणा का कारण बन गया।

- आज हम 'How to Impress' के दौर में जी रहे हैं लेकिन गांधी जी का विजन था- 'How to Inspire'

- हम सभी महात्मा गांधी की 150वीं जन्म जयंती पर, आज के युग में उनकी प्रासंगिकता पर बात करने के लिए एकजुट हुए हैं। महात्मा जी की डेढ़ सौ वीं जन्म-जयंती पर एक Commemorative Stamp जारी करने के लिए मैं संयुक्त राष्ट्र का विशेष आभार व्यक्त करता हूं।

- गांधी जी भारतीय थे, लेकिन सिर्फ भारत के नहीं थे। आज ये मंच इसका जीवंत उदाहरण है। जिनसे गांधी जी कभी मिले नहीं, वो भी उनके जीवन से कितना प्रभावित रहे। मार्टिन लूथर किंग जूनियर हों या नेल्सन मंडेला उनके विचारों का आधार महात्मा गांधी थे, गांधी जी का विजन था।

- आज लोकतंत्र की परिभाषा का एक सीमित अर्थ रह गया है कि जनता अपनी पसंद की सरकार चुने और सरकार जनता की अपेक्षा के अनुसार काम करे। लेकिन महात्मा गांधी ने लोकतंत्र की असली शक्ति पर बल दिया। उन्होंने वो दिशा दिखाई जिसमें लोग शासन पर निर्भर न हों और स्वावलंबी बनें।

- महात्मा गांधी ने एक ऐसी समाज व्यवस्था का बीड़ा उठाया, जो सरकार पर निर्भर न हो।

- महात्मा गांधी परिवर्तन लाए, ये सर्वविदित है, लेकिन ये कहना भी उचित होगा कि उन्होंने लोगों की आंतरिक शक्ति को जगा कर उन्हें स्वयं परिवर्तन लाने के लिए जागृत किया। अगर आजादी के संघर्ष की जिम्मेदारी गांधी जी पर न होती तो भी वो स्वराज और स्वावलंबन के मूल तत्व को लेकर आगे बढ़ते। गांधी जी का ये विजन आज भारत के सामने बड़ी चुनौतियों के समाधान का बड़ा माध्यम बन रहा है

- साथियों, सिद्धांतों के लिए इसी प्रतिबद्धता ने गांधी जी का ध्यान ऐसी सात विकृतियों की तरफ़ खिंचा जिनके प्रति सभी को जागरूक रहना चाहिए और उनकी ये सातों बातें आज भी रेलवंट है और आने वाले कल भी रेलेवेंट रहने वाली हैः-

1. Wealth without Work (काम के बिन दाम)2. Pleasure without Conscious (चेतना के बिना आनंद)3. Knowledge without Character (चरित्र के बिना ज्ञान)4. Business without Ethics (नैतिकता के बिना व्यसाय)5. Science without Humanity (मानवता के बिना विज्ञान)6. Religion without Sacrifice (बलिदान के बिना धर्म)7. Politics without Principle (सिद्धांत के बिना राजनीति)

टॅग्स :महात्मा गाँधीनरेंद्र मोदीसंयुक्त राष्ट्र
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