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प्रधानमंत्री मोदी ने हसीना के साथ 'सार्थक बैठक' की, दोनों देशों ने पांच सहमति-पत्र पर किये हस्ताक्षर

By भाषा | Updated: March 27, 2021 23:41 IST

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(अनीसुर रहमान)

ढाका, 27 मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथ उनकी ‘‘सार्थक बैठक’’ हुई और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की एवं आने वाले समय में आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के तौर तरीकों पर चर्चा की।

कोरोना वायरस महामारी के बाद से मोदी का यह पहला विदेश दौरा है। उन्होंने हसीना के साथ पहले अकेले में बातचीत की जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता हुई जो करीब एक घंटे तक चली।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ सार्थक बैठक हुई। हमने भारत-बांग्लादेश संबंधों के संपूर्ण दायरे की समीक्षा की और आने वाले समय में आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के तौर तरीकों पर चर्चा की। ’’

दोनों पक्षों ने संपर्क, वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी और खेल जैसे क्षेत्रों में पांच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किये।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ भारत और बांग्लादेश ने आपदा प्रबंधन, खेल, युवा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य अहम क्षेत्रों में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये। ये हमारी विकास साझेदारी को मजबूत करेंगे और हमारे देशों के लोगों खासकर युवाओं को फायदा पहुंचायेंगे।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य, व्यापार, संपर्क, ऊर्जा, विकास सहयोग एवं अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा की।

दोनों नेताओं की वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया,‘‘ यह स्वीकार किया गया कि आतंकवाद वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है, दोनों पक्षों ने सभी प्रकार के आतंकवाद का समूल नाश करने के प्रति अपना दृढ़ संकल्प दोहराया।’’

मोदी ने सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर बांग्लादेश के सहयोग के प्रति भारत की ओर से सराहना व्यक्त की।

मोदी ने तीस्ता जल बंटवारा समझौता संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श के जरिये पूरा करने के प्रति भारत के गंभीर एवं निरंतर प्रयासों को दोहराया।

संयुक्त बयान में कहा गया है,‘‘ दोनों नेताओं ने अपने अपने जल संसाधन मंत्रालयों को छह साझी नदियों-- मानु, मुहुरी, खोवाई, गुमती, धार्ला और दूधकुमार के पानी के बंटवारे को लेकर अंतरिम समझौता प्रारूप को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया।’’

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत ने फेनी नदी के जल बंटवारे के लिए एक मसौदा को भी शीघ्र ही अंतिम रूप देने का अनुरोध किया है, जो बांग्लादेश की ओर से लंबित है। ’’

संयुक्त बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने शांत, स्थिर और अपराधमुक्त सीमा के लिए प्रभावी सीमा प्रबंधन के महत्व पर बल दिया।

मानवीय पहलू के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी समकक्ष हसीना को 109 एबुलेंस की प्रतीकात्मक चाभी भी सौंपी। उन्होंने हसीना को एक प्रतीकात्मक डिब्बा भी भेंट किया जो भारत द्वारा बांग्लादेश को सौंपी गई कोविड-19 रोधी टीके की 12 लाख खुराकों का प्रतीक है।

हसीना ने अपने पिता और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती के मौके पर जारी किए गए सोने और चांदी का एक-एक सिक्का मोदी को भेंट किया। उन्होंने बांग्लादेश की 50वीं जयंती के मौके पर जारी चांदी का एक सिक्का भी मोदी को भेंट किया।

दोनों नेताओं ने भारत बांग्लादेश सीमा पर तीन नये सीमा हाटों, नयी यात्री ट्रेन मिताली एक्सप्रेस के उद्घाटन समेत डिजिटल तरीके से कुछ परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।

यह दोनों पड़ोसी देशों के बीच मैत्री एक्सप्रेस (ढाका-कोलकाता) और बंधन एक्सप्रेस (खुलना-कोलकाता) के बाद तीसरी यात्री ट्रेन है।

हस्ताक्षरित सहमति पत्र आपदा प्रबंधन, लचीलापन एवं उपशमन, बांग्लादेश नेशनल कैडेट कोर और नेशनल कैडेट कोर के बीच सहयोग, व्यापार उपचार उपाय के क्षेत्र में सहयोग आदि से संबंधित हैं।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने राजनयिक संबंध की 50वीं सालगिरह पर भारत बांग्लादेश मैत्री टिकट भी जारी किया।

मोदी का यह दौरा, शेख मुजीबुर रहमान की जन्‍मशताब्‍दी, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंध स्‍थापित होने के पचास वर्ष पूरे होने और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पचास वर्ष पूरे होने से संबंधित है।

दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचे मोदी ने ढाका में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के स्वर्ण जयंती समारोह और ‘बंगबंधु’ की जन्म शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया था।

सुबह में मोदी दक्षिणपश्चिम बांग्लादेश के इश्वरीपुर गांव में सदियों पुराने जेशोरेश्वरी काली मंदिर गये और वहां प्रार्थना की। उन्होंने घोषणा की कि भारत मंदिर से संबद्ध सामुदायिक हॉल सह चक्रवात आश्रय का निर्माण करेगा। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में एक है।

मतुआ सम्प्रदाय के आध्यात्मिक गुरु हरिचंद ठाकुर की जन्मस्थली ओराकांडी के एक मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद प्रधानमंत्री ने समुदाय के लोगों से संवाद किया।

उन्होंने इस दौरान कहा, ‘‘भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश अपने विकास से, अपनी प्रगति से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं। दोनों ही देश दुनिया में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम और शांति चाहते हैं।’’

मोदी ने हसीना को 2022 में भारत आने का निमंत्रण दिया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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