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सुवाह्य एमआरआई उपकरण प्रदान कर सकते हैं जीवन रक्षक जानकारी

By भाषा | Updated: September 8, 2021 17:17 IST

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(सीमा हाकू काचरू)

ह्यूस्टन, आठ सितंबर येल विश्वविद्यालय में भारतीय-अमेरिकी प्रोफेसर केविन सेठ और उनके शोधकर्ताओं के दल ने पाया है कि एक सुवाह्य (पोर्टेबल) मेग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) उपकरण महत्वपूर्ण चिकित्सा लक्षणों की पहचान करने में मदद कर सकता है, खासकर आघात के शिकार रोगियों में यह जीवन बचाने वाली जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

सेठ ने ऐसे जटिल मामलों में त्वरित निदान की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि मरीजों में जब आघात के लक्षण नजर आते हैं तब चिकित्सकों के पास जीवन या मृत्यु पर फैसला लेने का समय नहीं बचता। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में मस्तिष्क में थक्के को कम करने के लिए रक्त को पतला करने की आवश्यकता हो सकती है तो वहीं कुछ स्थितियों में मस्तिष्क में रक्तस्राव को देखते हुए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉक्टर सेठ ने ‘पीटीआई’ को ईमेल पर बताया, “ऐसी जगहों पर जहां मस्तिष्क की उन्नत जांच के लिये अत्याधुनिक इमेजिंग स्कैन उपलब्ध न हों वहां सुवाह्य एमआरआई उपकरणों की मदद से लिए गए फैसले बाजी पलटने वाले साबित हो सकते हैं विशेषकर अंत:कपालीय रक्तस्राव की पहचान कर सकने वाले उपकरण जीवन रक्षा करने वाली सूचनाएं दे सकते हैं।”

अध्ययन के लिए, येल टीम ने ‘पोर्टेबल पॉइंट-ऑफ-केयर एमआरआई सिस्टम’ नामक एक उपकरण की प्रभावशीलता की जांच की, जिसे अस्पताल के दालान में ले जाया जा सकता है और इस पर पारंपरिक एमआरआई प्रौद्योगिकियों के मुकाबले कम खर्च होता है।

शोध के सह लेखक के तौर पर सेठ ने कहा : “इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह उपकरण ग्रामीण अस्पतालों या विकासशील देशों जैसी सीमित-संसाधन वाली व्यवस्था में लोगों की जान बचाने में मदद कर सकता है।”

उन्होंने कहा, “अब यह देखने का भी एक रास्ता है कि यह आधुनिक व्यवस्था में कैसे मदद कर सकता है। आघात विशेषताओं की एक श्रृंखला में अधिक आंकड़े एकत्र करना जारी रखना महत्वपूर्ण महत्व है ताकि हम इस दृष्टिकोण के संभावित लाभ को अधिकतम कर सकें।”

अध्ययन में कहा गया कि हाइपरफाइन इंक द्वारा विकसित सुवाह्य एमआरआई उपकरण का कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है और इसके लिये चिकित्सा तकनीशियनों को न्यूनतम प्रशिक्षण की आवश्यकता है।

शोधकर्ताओं ने येल न्यू हेवन अस्पताल में 144 रोगियों के सुवाह्य एमआरआई स्कैन के परिणामों की तुलना पारंपरिक न्यूरोइमेजिंग स्कैन से प्राप्त परिणामों से की।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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