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गायन के साथ परमार्थ कार्यों में भी सक्रिय हैं पॉप स्टार रिहाना

By भाषा | Updated: February 4, 2021 20:40 IST

किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने वाली अमेरिकी पॉप गायिका रिहाना के साथ बुधवार को कई प्रमुख हस्तियां एवं कार्यकर्ता भी आ गए, जिससे इस आंदोलन ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है।

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ठळक मुद्देरिहाना (32) के ट्विटर पर 10.1 करोड़ फॉलोअर हैं। रिहाना ने एक खबर साझा की थी, जिसमें कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद करने और किसानों के खिलाफ केन्द्र की कार्रवाई का जिक्र किया गया था।थनबर्ग ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘ हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं।’’

नई दिल्लीः गानों की सूची से पहले पन्ने पर जगह बनाने वाली रिहाना ने एक पॉप गायिका से वैश्विक हस्ती तक का सफर तय किया है, जिसके बारे में आज भारत के लोग बात करते नहीं थक रहे या और अधिक जानना चाहते हैं।

रिहाना के गानों पर देश के शहरों में रहने वाला धनी वर्ग का युवा थिरकता है लेकिन उस प्रसिद्ध गायिका का नाम रिहाना है या रियाना? उसकी राष्ट्रीयता क्या है? वह वास्तव में कितनी लोकप्रिय है?

भारत में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट कर अंतरराष्ट्रीय जगत में सुर्खियां बटोर चुकी बारबडोस में जन्मी इस अमेरिकी गायिका ने लोगों में मन में कई सारे सवाल पैदा कर दिए हैं।

पॉप गायन की दुनिया में सबसे बड़े नामों में से एक 33 वर्षीय रिहाना ने दिल्ली बॉर्डर पर इंटरनेट बंद करने संबंधी सीएनएन की एक खबर के साथ मंगलवार की रात को ट्वीट किया, “हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? हैशटैग किसान आंदोलन।”

इससे पहले रिहाना एलजीबीटी के अधिकारों और नस्लवाद जैसे मुद्दों पर मुखर होकर अपनी आवाज बुलंद कर चुकी हैं।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, जस्टिन बीबर और केटी पेरी के बाद वह ट्विटर पर चौथी सबसे ज्यादा फॉलो की जान वाली हस्ती हैं।

भारत के किसान आंदोलन पर किए गए उनके ट्वीट को हजारों लोगों ने रीट्वीट और पसंद किया।

इसके बाद कई अन्य मशहूर और बड़ी हस्तियों ने आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करना शुरू कर दिया।

इसके बाद भारत में रिहाना को लेकर चर्चा होने लगी और ट्वीट से उपजे विवाद पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई।

उन्होंने जिस दिन किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया उसी दिन भारत के पड़ोसी देश म्यामां में हुए सैन्य तख्तापलट की आलोचना भी की।

रिहाना ने ह्यूमन राइट्स वाच की एक पोस्ट के साथ ट्वीट किया, “म्यामां के लिए प्रार्थना कर रही हूं।”

किसान आंदोलन के प्रति समर्थन और म्यामां के लोगों के प्रति एकजुटता का प्रदर्शन रिहाना के लिए कोई अकस्मात घटना नहीं है।

बारबाडोस के सेंट माइकल में 20 फरवरी 1988 को रिहाना का जन्म हुआ था।

उनकी मां मोनिका अकाउंटेंट थीं और पिता रोनाल्ड फेंटी गोदाम में काम करते थे।

रिहाना ने 18 साल की उम्र में घातक रोगों से जूझ रहे बच्चों की सहायता के लिए ‘बिलीव फाउंडेशन’ की स्थापना की थी।

वर्ष 2012 में उन्होंने क्लारा लायनेल फाउंडेशन को शुरुआत की थी जो विश्वभर में शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों को पैसा मुहैया करवाता है।

रिहाना ने 2017 में फैशन कंपनियों की आलोचना की थी क्योंकि वह अल्पसंख्यक वर्ग की मॉडलों को “प्रतीक” के तौर पर काम देती थीं।

ट्विटर पर उन्होंने एक प्रशंसक के सवाल के जवाब में कहा था, “मुझे कई प्रतिभावान ट्रांसजेंडर महिलाओं के साथ काम करने का मौका मिला है लेकिन मैं उन्हें कास्टिंग के लिए नहीं लेती। मैं सभी महिलाओं का सम्मान करती हूं। वह ट्रांसजेंडर हैं या नहीं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।”

उन्होंने कहा था, “मुझे यह सही नहीं लगता कि किसी ट्रांसजेंडर महिला या पुरुष को मार्केटिंग के उपकरण के तौर पर पेश किया जाए। मैंने कई बार देखा है कि कंपनियां यह ट्रांसजेंडर और अश्वेत महिलाओं के साथ करती हैं। यह केवल इसलिए किया जाता है ताकि सबका ध्यान उस पर रहे। यह दुखद है।”

अमेरिका में जब जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, तब भी रिहाना ने इस पर आवाज उठाई थी।

पॉप गायिका ने महामारी के दौरान अपने अल्बम पर काम करने की बजाय राहत कार्य में हिस्सा लिया था।

रिहाना ग्रैमी पुरस्कार जीत चुकी हैं और उनके पास 60 करोड़ डॉलर से अधिक की संपत्ति है।

परमार्थ कार्यों के साथ विवादों से भी रिहाना का नाता रहा है।

वर्ष 2010 में आए उनके एक गीत के बोल को लेकर विवाद हो गया था और कहा जाने लगा था कि इसमें घरेलू हिंसा को ‘ग्लैमराइज’ किया गया है।

उनके एक अन्य गीत के बोल को लेकर नारीवाद, हिंसा और नस्लवाद जैसे मुद्दों पर बहस छिड़ गई थी।

अबू धाबी की शेख जायद ग्रैंड मस्जिद के सामने 2013 में रिहाना ने तस्वीर खिंचवाई थी जिस पर मस्जिद का प्रबंधन नाराज हो गया था और उन्हें वहां से जाने के लिए कह दिया गया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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