जलवायु रिपोर्ट पर राजनीतिज्ञ, पर्यावरण कार्यकर्ता चिंतित लेकिन हैरान नहीं

By भाषा | Updated: August 9, 2021 21:07 IST2021-08-09T21:07:29+5:302021-08-09T21:07:29+5:30

Politicians, environmental activists worried but not surprised over climate report | जलवायु रिपोर्ट पर राजनीतिज्ञ, पर्यावरण कार्यकर्ता चिंतित लेकिन हैरान नहीं

जलवायु रिपोर्ट पर राजनीतिज्ञ, पर्यावरण कार्यकर्ता चिंतित लेकिन हैरान नहीं

जिनेवा, नौ अगस्त (एपी) संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की एक समिति ने सोमवार को कहा कि पृथ्वी की जलवायु इतनी गर्म होती जा रही है कि एक दशक में तापमान संभवत: पेरिस समझौते में निर्धारित सीमा को पार कर जाएगा। इससे विषम मौसम और दीर्घकालिक जलवायु संबंधी आपदाओं का खतरा बढ़ने की आशंका है। राजनीतिज्ञों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी रिपोर्ट पर चिंता जताई है लेकिन वे इसे लेकर हैरान नहीं है।

पेरिस जलवायु समझौते पर 2015 में करीब 200 देशों ने हस्ताक्षर किए थे और इसमें विश्व के नेताओं ने सहमति व्यक्त की थी कि वैश्विक तापमान में वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस (3.6 डिग्री फारेनहाइट) से कम रखना है और वह पूर्व औद्योगिक युग की तुलना में सदी के अंत तक 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 फॉरेनहाइट) से अधिक नहीं हो क्योंकि इसके बाद समस्या तेजी से बढ़ती है।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, ‘‘ यह रिपोर्ट मानवता के लिए बेहद खतरनाक है। खतरे की घंटी बज रही है, और सबूत अकाट्य है: जीवाश्म ईंधन जलने और वनों की कटाई से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन हमारे ग्रह को घोंट रहा है और अरबों लोगों को तत्काल खतरे में डाल रहा है।’’

किशोर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने कहा, ‘‘नई आईपीसीसी रिपोर्ट में कोई वास्तविक हैरानी नहीं है। यह पहले से ही हजारों पिछले अध्ययनों और रिपोर्टों से जो हम जानते हैं उसकी पुष्टि करता है कि हम आपात स्थिति में हैं। यह हम पर निर्भर करता है कि हम बहादुर बनें और इन रिपोर्टों में दिए गए वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर निर्णय लें। हम अभी भी सबसे बुरे परिणामों से बच सकते हैं।’’

जलवायु के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी ने कहा, ‘‘जलवायु संकट के प्रभाव, अत्यधिक गर्मी से लेकर जंगल की आग से लेकर तीव्र वर्षा और बाढ़ की घटनाएं तब तक बढ़ती रहेगी जब तक कि हम अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं चुनते। दुनिया को अब जिस चीज की जरूरत है, वह है वास्तविक कार्यवाही। इस महत्वपूर्ण दशक के दौरान सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को आक्रामक जलवायु कार्यवाही के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।"

युगांडा की एक जलवायु कार्यकर्ता वैनेसा नाकाटे ने कहा, ‘‘अफ्रीका, जिसने वैश्विक ऐतिहासिक उत्सर्जन में केवल तीन प्रतिशत का योगदान दिया है, को जिम्मेदारी लेने के लिए बड़े उत्सर्जकों की आवश्यकता है।’’

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा, ‘‘जलवायु आपातकाल हर दिन बढ़ रहा है और हम दुनिया में सबसे अधिक जलवायु-संवेदनशील राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारे देश तूफान, सूखे से पीड़ित हैं।"

जर्मनी की पर्यावरण मंत्री स्वेंजा सुल्ज ने कहा, ‘‘रिपोर्ट मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन और मौसम की विषम परिस्थितियों के बीच एक प्रभावशाली तरीके से संबंध की पुष्टि करती है। भारी बारिश के बाद बाढ़, जैसा कि हमने अभी अनुभव किया है, तेज गर्म हवाएं और जंगल की आग, जिसने हाल के वर्षों में हमें परेशान किया है।

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Web Title: Politicians, environmental activists worried but not surprised over climate report

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