प्रधानमंत्री ने तीस्ता जल बंटवारा समझौता को पूरा करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई
By भाषा | Updated: March 27, 2021 22:19 IST2021-03-27T22:19:50+5:302021-03-27T22:19:50+5:30

प्रधानमंत्री ने तीस्ता जल बंटवारा समझौता को पूरा करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई
ढाका, 27 मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथ शनिवार को वार्ता के दौरान तीस्ता जल बंटवारा समझौता संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श के जरिये पूरा करने के प्रति भारत के गंभीर एवं निरंतर प्रयासों का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री की दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान तीस्ता मुद्दे पर चर्चा हुई।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने संबद्ध हितधारकों के साथ परामर्श के जरिये इस समझौते को पूरा करने के लिए भारत द्वारा गंभीर एवं निरंतर प्रयास किये जाने की बात दोहराई। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने फेनी नदी के जल बंटवारा के लिए एक मसौदा को भी शीघ्र ही अंतिम रूप देने का अनुरोध किया है, जो बांग्लादेश की ओर से लंबित है। ’’
विदेश सचिव ने कहा, ‘‘नदी जल सहयोग कुछ ऐसी चीज है जो जारी है...हमारे बीच व्यापक सहयोग है। ’’
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव एहसानुल करीम ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री हसीना ने पूर्व में सहमति बने तीस्ता समझौता को लागू करने और सीमा पर घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की।
करीम ने बताया कि हसीना ने अपने भारतीय समकक्ष से प्रस्तावित समझौते को लागू करना महत्वपूर्ण है क्योंकि तीस्ता नदी के तट पर रहने वाले लोग पानी की कमी का सामना कर रहे हैं।
करीम ने बताया कि मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश के साथ सभी साझा नदियों को शामिल कर भारत जल बंटवारा मुद्दे का तार्किक हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया , ‘‘ दोनों नेताओं ने अपने-अपने जल संसाधन मंत्रालयों को छह साझा नदियों (मानु, मुहुरी, खोवई, गुमटी, धारला और दूधकुमार) के जल बंटवारे पर अंतरिम समझौता प्रारूप को शीघ्र पूरा करने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया है। ’’
श्रृंगला ने कहा कि भारत और बांग्लादेश एक देश से दूसरे देश में बहने वाली 56 नदियों पर अभी सहयोग कर रहे हैं। पेयजल, सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता के अलावा बाढ़ एवं प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सहयोग का दायरा काफी व्यापक है।
श्रृंगला ने कहा, ‘‘हाल ही में दोनों पक्षों के जल संसाधन सचिवों की नयी दिल्ली में एक बैठक हुई थी। हम बैठक कर रहे हैं और तीस्ता मुद्दा सहित सभी अहम मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं। ’’
तीस्ता नदी सिक्किम से निकलती है और बांग्लादेश में प्रवेश करने तथा ब्रह्मपुत्र नदी में मिलने से पहले पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से से होकर बहती है।
इस नदी का प्रवाह बांग्लादेश के लिए मार्च से दिसंबर के बीच काफी मायने रखता है, जब वहां नदी के जल आपूर्ति की 50 प्रतिशत की जरूरत होती है।
गौरतलब है कि तीस्ता समझौते पर सितंबर 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होना था, लेकिन आखिरी क्षणों में इसे टाल दिया गया था। दरअसल, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीस्ता नदी के जल का एक बड़ा हिस्सा बांग्लादेश को दिये जाने के खिलाफ आपत्ति जताई थी।
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