वैटिकन सिटी, 30 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पोप फ्रांसिस के साथ उनकी ''बहुत मुलाकात गर्मजोशी भरी रही'' और उन्होंने कैथोलिक चर्च के प्रमुख के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही उन्हें भारत की यात्रा के लिये आमंत्रित किया।
मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिनसे फ्रांसिस ने 2013 में पोप बनने के बाद मुलाकात की है।
मोदी ने वैटिकन एपोस्टॉलिक पैलेस में हुई ऐतिहासिक बैठक के बाद ट्वीट किया, ''पोप फ्रांसिस से मुलाकात बहुत गर्मजोशी भरी रही। उनके साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। उन्हें भारत की यात्रा के लिये आमंत्रित भी किया।''
इससे पहले किसी भारतीय प्रधानमंत्री की किसी पोप से आखिरी मुलाकात 1999 में हुई थी, जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और पोप जॉन पॉल द्वितीय भारत आए थे।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच बैठक का समय केवल 20 मिनट निर्धारित था, लेकिन यह एक घंटे तक चली।
सूत्रों ने कहा कि दोनों ने धरती को बेहतर बनाने के लिये जलवायु परिवर्तन से लड़ने तथा गरीबी को दूर करने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की।
वैटिकन प्रेस कार्यालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि पोप फ्रांसिस ने वैटिकन एपोस्टॉलिक पैलेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने वैटिकन सिटी के विदेश मंत्री कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन तथा 'सेक्रेटरी ऑफ रिलेशंस विद स्टेट्स' आर्चबिशप रिचर्ड गैलेगर से मुलाकात की।
बयान में कहा गया है, ''संक्षिप्त बातचीत के दौरान वैटिकन सिटी और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों पर चर्चा की गई।''
वैटिकन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मोदी के साथ मौजूद थे।
ऐतिहासिक बैठक से पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री की पोप के साथ अलग से बैठक होगी।
रोम में संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, ''वह पोप से व्यक्तिगत मुलाकात करेंगे।''
श्रृंगला ने कहा था, ''कल, प्रधानमंत्री परम पावन पोप फ्रांसिस से वैटिकन सिटी में भेंट करेंगे, और उसके बाद वह जी 20 सत्रों में भाग लेंगे, जहां वह और भी द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। हम आपको जानकारी देते रहेंगे।''
उन्होंने कहा था कि बैठक के बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हो सकती है। श्रृंगला ने बताया था कि वैटिकन ने वार्ता के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया है।
श्रृंगला ने कहा था, ‘‘ मेरा मानना है कि परंपरा है कि जब परम पावन (पोप) से चर्चा होती है तो कोई एजेंडा नहीं होता और हम इसका सम्मान करते हैं। मैं आश्वस्त हूं कि इस दौरान आम तौर पर वैश्विक परिदृश्य और उन मुद्दों को लेकर जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है, चर्चा में शामिल होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19, स्वास्थ्य आदि के मुद्दे पर कैसे हम साथ काम कर सकते हैं...ये कुछ विषय हैं जिनपर मेरा मानना है कि आमतौर पर चर्चा होगी।
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