यरुशलम: फलस्तीन की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात में तैनात फलस्तीनी राजदूत को वापस बुलाया जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इज़राइल ने गुरुवार को पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए समझौते किए जिसके बाद फलस्तीन ने यह कदम उठाया है।
फलस्तीन ने समझौते पर निशाना साधते हुए इसे फलस्तीन की मांगों के साथ ‘‘विश्वासघात’’ करार दिया और इसे वापस लेने की मांग की। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इज़राइल ने गुरुवार (12 अगस्त) को उस समझौते के तहत पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जतायी जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
इस समझौते के तहत इजराइल को कब्जे वाले वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने में मिलाने की विवादास्पद योजना को रोकना होगा। फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रदेनेह ने कहा कि यह समझौता ‘‘राजद्रोह’’ के समान है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यूएई को अपना यह निर्णय वापस लेना चाहिए और साथ ही उन्होंने अरब देशों से भी ‘‘फलस्तीनी लोगों के अधिकारों की कीमत पर’’ इसका पालन ना करने का आग्रह किया। वहीं अमेरिका, इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात का मानना है कि इससे पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति लाने में मदद मिलेगी।